रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने चौथी बार ब्याज दर बढ़ा दी है. रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा किया गया है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.9% करने का फैसला किया गया है.
RBI Governor Shaktikanta Das announces that RBI "increases the policy repo rate by 50 basis points to 5.9% with immediate effect." pic.twitter.com/YpDjOVsgus
— ANI (@ANI) September 30, 2022
रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी दी. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.9% किया गया है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि उम्मीद से कम रही, फिर भी यह 13.5% थी और शायद प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक थी.
रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर लोगों पर पड़ेगा और कर्ज महंगा हो जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ेगा. इसके बाद बैंक अपने ग्राहकों पर इसका बोझ डालने का काम करेंगे. होम लोन पर इसका असर तो पड़ेगा ही, साथ ही ऑटो लोन और अन्य लोन भी महंगे हो जाएंगे.
यहां चर्चा कर दें कि रेपो दर (Repo Rate) का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन से है. आज के आरबीआई के फैसले के बाद ईएमआई (EMI) पर असर पड़ेगा. उल्लेखनीय है, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देने का काम करता है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नये ‘तूफान’ का सामना कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया. मुद्रास्फीति की ऊंची दर को देखते हुए मौद्रिक नीति समिति का सूझ-बूझ के साथ मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख को वापस लेने के रुख पर कायम रहने का निर्णय लिया गया है.
भाषा इनपुट के साथ
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