RBI News : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि आरबीआई का रुख उदार बना रहेगा. वैश्विक आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई है, कोरोना के बढ़ते मामले के कारण अर्थव्यवस्था के शुरुआती संकेतों को कमजोर किया है. आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार की शुरुआत हो गई थी, लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने से लॉकडाउन लगाने को मजबूर होना पड़ा.
इससे पहले, आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक को देखते हुए विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि आरबीआई गुरूवार को नीतिगत दर में कटौती से बच सकता है लेकिन कोरोनो वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार की जरूरत के बीच कर्ज पुनर्गठन जैसे अन्य उपायों की घोषणा कर सकता है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) छह अगस्त को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगी। यह एमपीसी की 24वीं बैठक है. हालांकि नीतिगत दर में कटौती को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय कोविड-19 के प्रभाव से निपटने के लिये कर्ज पुनर्गठन ज्यादा जरूरी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘हमारा ध्यान पुनर्गठन पर है. वित्त मंत्रालय आरबीआई के इस बारे में बातचीत कर रहा है. ‘ इसके अलावा केंद्रीय बैंक कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी कर सकता है. इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त होने जा रही है.
हालांकि बैंक अधिकारी इसके दुरूपयोग की आशंका को लेकर इसकी मियाद बढ़ाये जाने का विरोध कर रहे हैं. कोविड-19 संकट के बीच तेजी से बदलते वृहत आर्थिक परिवेश और वृद्धि परिदृश्य के कमजोर होने के साथ एमपीसी की बैठक समय से पहले दो बार हो चुकी है. पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई, 2020 में दूसरी बैठक हुई. एमपीसी ने दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में प्रतिशत कुल मिला कर 1.15 अंक की कटौती की.
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आपको मिलेगा फायदा- इंटरेस्ट रेट में कटौती से सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा. ग्राहक कम इंटरेस्ट पर पैसा लेकर बाजार में निवेश कर सकते हैं. वहीं आरबीआई के इस फ़ैसले से बाजार में पैसों का आवक बढ़ेगा.
Posted by : Avinish Kumar Mishra
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