Retail payment system : अगर आप शॉपिंग मॉल्स या फिर रिटेल ट्रेडर्स के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में आधार नंबर से ही अपना पैसा निकालकर अपने जरूरी काम को निपटाना चाहते हैं, तो भारतीय रिजर्व बैंक ने आपके लिए सुरक्षित और व्यापक तरीके से इंतजाम कर दिया है. रिजर्व बैंक के नये नियम के अनुसार, अब आप देश के किसी भी कोने से पेटीएम और गूगल पे की तरह आधार आधारित भुगतान प्रणाली से भी लेनदेन कर सकते हैं.
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्तर पर खुदरा भुगतान प्रणालियों (रिटेल पेमेंट सिस्टम) के संचालन के लिए छत्र-इकाई स्थापित या परिचालित करने के नियम जारी किए हैं. इसके साथ ही, उसने काम शुरू करने की इच्छुक कंपनियों से 26 फरवरी 2021 तक आवेदन आमंत्रित किये हैं. छत्र इकाई अपने नाम के तहत खुदरा बाजार में विभिन्न प्रणालियों की स्थापना, प्रबंध और परिचालन कर सकेगी.
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रिटेल पेमेंट सिस्टम शुरू करने की ये है शर्त
रिजर्व बैंक के मसौदे के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की खुदरा भुगतान प्रणाली का संचालन करने के लिए आवेदन करने वाली कंपनी की नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये से अधिक होनी चाहिए. ऐसी कंपनी को खुदरा भुगतान के क्षेत्र में एटीएम, खुदरा बिक्री केंद्रों, आधार आधारित भुगतान और प्राप्ति सेवाओं सहित समूचे खुदरा क्षेत्र की नयी भुगतान व्यवस्था का संचालन और व्यवस्था देखनी होगी. कंपनी इस प्रकार के भुगतान केंद्रों की स्थापना करने से लेकर उनकी देखरेख और परिचालन के लिए जवाबदेह होगी.
26 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं कंपनियां
रिजर्व बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिजर्व बैंक इस प्रकार की व्यापक इकाई स्थापित करने वालों से आवेदन आमंत्रित करता है. ये आवेदन 26 फरवरी 2021 को सामान्य कामकाज का समय समाप्त होने से पहले उपलब्ध कराये गये फार्म-ए में भरकर सौंप दिये जाने चाहिए. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस प्रकार की वृहद इकाई को बैंकों और गैर- बैंकों के लिए क्लियरिंग और निपटान प्रणाली का परिचालन करने की भी अनुमति होगी. इसमें उसे निपटान, ऋण, तरलता और परिचालन संबंधी जोखिमों की पहचान और उन्हें व्यवस्थित भी करना होगा. इसके साथ ही, पूरी प्रणाली की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को बनाये रखना होगा.
बैंक धोखाधड़ी की जिम्मेदारी कंपनियों की
रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसी कंपनी को खुदरा भुगतान प्रणाली से जुड़े देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों पर भी नजर रखनी होगी, ताकि घरेलू प्रणाली में इनसे पड़ने वाले झटकों, धोखाधड़ी और दूसरी प्रतिक्रियाओं से बचा जा सके और अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभाव को रोका जा सके. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस प्रकार की वृहद कंपनी के लिए आवेदन करने के वास्ते उसके प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह सभी का स्वामित्व एवं नियंत्रण भारतीय नागरिक के हाथ में होना चाहिए.
विदेशी निवेश के लिए प्राधिकरण से मंजूरी लेना जरूरी
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि आवेदन करने वाली इकाई में यदि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई होता है, तो उसे विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत अतिरिक्त पूंजी जरूरत को पूरा करना होगा और सक्षम प्राधिकरण से इसके लिए मंजूरी भी लेनी होगी. रिजर्व बैंक ने कहा है कि प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आवेदनों को रिजर्व बैंक में उनकी प्राप्ति के मुताबिक ही आवेदन की अंतिम तिथि के बाद ही आगे कार्यवाही के लिए लिया जाएगा. आवेदनों की जांच पड़ताल बाहरी सलाहकार समिति द्वारा की जाएगी.
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Posted By : Vishwat Sen
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