मुंबई : देश में लागू लॉकडाउन को 31 मई तक आगे बढ़ाने की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कर्ज पर किस्त अधिस्थगन (EMI moratorium) को तीन महीने और यानी 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा सकता है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के देशव्यापी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने के चलते आरबीआई कर्ज अदायगी पर जारी किस्त अधिस्थगन को और तीन महीनों के लिए बढ़ा सकता है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने रविवार को कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी.
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कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसे पहले तीन मई तक और फिर 17 मई तक बढ़ाया गया था. आरबीआई ने मार्च में ही एक मार्च, 2020 से 31 मई, 2020 के बीच सभी सावधि ऋणों के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत दी थी.
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एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया, ‘लॉकडाउन के 31 मई तक बढ़ने के साथ ही हमें उम्मीद है कि आरबीआई ऋण की अदायगी के लिए किस्त अधिस्थगन को तीन महीने के लिए और बढ़ाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन और महीनों के लिए किस्त अधिस्थगन से कंपनियों को 31 अगस्त, 2020 तक भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी और इसका मतलब है कि कंपनियों के सितंबर में ब्याज देनदारियों को चुकाने की संभावना बेहद कम है.
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आरबीआई के नियमों के मुताबिक, ब्याज देनदारियों को चुकाने में विफल रहने का अर्थ है कि इन ऋणों को गैर-निष्पादित ऋण (NPA) माना जा सकता है. रिपोर्ट में आरबीआई से अधिक लचीला रुख अपनाने की बात कही गयी है.
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बता दें कि गृह मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश 31 मई तक लागू देशव्यापी लॉकडाउन के लिए जारी दिशा-निर्देशों को कम नहीं करेगा. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिए गए संदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि 11 मई को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक वीडियो कांफ्रेंस के बाद राज्यों के विचार और सहमति लेने के बाद लॉकडाउन के चौथे चरण के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे.
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