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अप्रैल में लोन फिर होगा महंगा? रेपो रेट में 0.25% वृद्धि कर सकता है RBI

आरबीआई के अधिकारियों ने मंगलवार को अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की, जिन्होंने केंद्रीय बैंक को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया है. बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई मई, 2022 से रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2023 7:23 PM
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मुंबई : सरकारी अथवा प्राइवेट बैंकों से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वालों के लिए आवश्यक खबर है. अप्रैल में लोन महंगा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल के पहले हफ्ते में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी, जिसमें मुख्य नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है. हालांकि, 2023-24 की तीसरी तिमाही के अंत में दरों में कमी करने का फैसला किया जा सकता है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन से छह अप्रैल तक होगी. रेपो रेट की घोषणा छह अप्रैल को की जाएगी.

अर्थशास्त्रियों ने ब्याज बढ़ाने का दिया सुझाव

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, आरबीआई के अधिकारियों ने मंगलवार को अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की, जिन्होंने केंद्रीय बैंक को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया है. बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई मई, 2022 से रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है. अब तक रेपो रेट में करीब 2.5 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी गई है. एक्सिस बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री सौगात भट्टाचार्य ने कहा कि रेपो रेट में इजाफा करने से अड़ियल महंगाई पर काबू में लाने में मदद मिलेगी. मेरा अनुमान है कि रेपो रेट में 0.25 फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है.

नवंबर में घट सकता है ब्याज

सौगात भट्टाचार्य ने कहा कि वृद्धि में नरमी नजर आ रही है. इसके अलावा, महंगाई के कुछ कम होने से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के अंत तक यानी नवंबर, 2023 में रेपो रेट में कटौती कर सकती है. ‘उदार रुख को छोड़ने’ के आरबीआई के रुझान में बदलाव करना अभी जल्दबाजी होगा. यह कहते हुए उन्होंने अनुमान जताया कि केंद्रीय बैंक जून समीक्षा में अपने रूख को ‘तटस्थ’ कर सकता है.

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2023-24 में 6 फीसदी रह सकती है जीडीपी वृद्धि

उन्होंने कहा कि वृद्धि में नरमी के संकेत मिल रहे हैं, जिससे 2023-24 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6 फीसदी रह सकती है जो रिजर्व बैंक के 6.4 प्रतिशत के अनुमान से कहीं कम है. उन्होंने आगे कहा कि 2023-24 की तीसरी तिमाही के अंत में जब वृद्धि में नरमी और स्पष्ट हो जाएगी, महंगाई घटकर 5-5.50 फीसदी पर आ जाएगी. तब आरबीआई दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. नतीजतन, 2023-24 के अंत में प्रमुख रेपो रेट 6.50 फीसदी पर होगी और यह वही स्तर होगा, जो वित्त वर्ष के आरंभ में था.

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