बेकाबू महंगाई और जोरदार बिकवाली के कारण अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve of United State) ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. फेडरल रिजर्व के इस कदम से जहां डॉलर मजबूत होगा वहीं रुपये में गिरावट होने की उम्मीद है. इसी कड़ी में फिच रेटिंग्स ने उम्मीद जताई है कि महंगाई के बिगड़ते हालात को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक रेपो रेट को बढ़ सकता है. ऐसे में अगर रेपो रेट बढ़ता है तो होम लोन और पर्सनल लोन के साथ-साथ सभी तरह के कर्ज महंगे हो सकते हैं.
बढ़ सकता है रेपो रेट: गौरतलब है कि, देश में बेकाबू महंगाई को काबू करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा किया था और जून में 0.50 फीसदी बढ़ाई थी. वहीं फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में इजाफे के बाद एक बार फिर रिजर्व बैंक रेपो रेट में इजाफे की बात होने लगी है. फिच रेटिंग्स के मुताबिक इस दिसंबर 2022 तक आरबीआई रेपो रेट में 1 फीसदी का इजाफा कर सकता है.
फिच की रिपोर्ट- दिसंबर तक 5.9 फीसदी होगा रेपो रेट: फिच रेटिंग्स ने बीते सोमवार को अपने ग्लोबल इकोनॉमिक रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) दिसंबर 2022 तक ब्याज दरों को बढ़ा सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों को 5.9 फीसदी तक बढ़ा सकती है. गौरतलब है कि फिलहाल ब्याज दरों 4.9 फीसदी है.
एसबीआई ने आवास ऋण पर बढ़ाया ब्याज दर: गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (State Bank of India) ने आवास ऋण पर न्यूनतम ब्याज दर बढ़ाकर 7.55 फीसदी कर दिया है. नई दरें बुधवार से ही लागू हो गई हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 फीसदी बढ़ाकर 4.90 फीसद कर दिया है. इसके बाद कई बैंकों ने ऋण पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक, बैंक ने अपनी बाह्य बेंचमार्क आधारित ऋण दर (EBLR) को बढ़ाकर न्यूनतम 7.55 फीसदी कर दिया है.
भाषा इनपुट के साथ
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