Monetary Policy Committee Meeting रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए होने वाली बैठक तारीख को बदल दिया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक कल यानी 7 फरवरी से शुरू होनी वाली थी. हालांकि, अब यह बैठक 8 फरवरी से शुरू होगी और 10 फरवरी तक चलेगी.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में आरबीआई के हवाले से बताया गया है कि भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को यानी 7 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. इसी के मद्देनजर मौद्रिक नीति समिति की बैठक 8-10 फरवरी, 2022 तक पुनर्निर्धारित की गई है. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रमेंट एक्ट 1881 के सेक्शन 25 के तहत लता मंगेशकर के निधन पर उन्हें सम्मान देते हुए 7 फरवरी को छुट्टी की घोषणा की है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैठक को टालते हुए आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है.
In view of the state holiday declared by the Maharashtra govt on February 7, the meeting of the Monetary Policy Committee has been rescheduled to February 8-10, 2022: Reserve Bank of India
— ANI (@ANI) February 6, 2022
आरबीआई मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के मद्देनजर अपनी अगली और बजट 2022-23 के बाद पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम सकता है. हालांकि, विशेषज्ञों का यह मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (NPC) नीतिगत रुख को उदार से तटस्थ में बदल सकती है और नकदी के सामान्यीकरण प्रक्रिया के हिस्से के रूप में रिवर्स-रेपो दर में बदलाव कर सकती है.
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि बजट में वृद्धि को लेकर दिए गए आश्वासन और कच्चे तेल की कीमतों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि रिजर्व बैंक रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करके सामान्यीकरण की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि] अगले वर्ष इसमें 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक में उपभोक्ता बैंकिंग की समूह अध्यक्ष शांति एकमबराम ने भी उम्मीद जताई कि केंद्रीय बैंक रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी का बदलाव कर सकता है. उन्होंने कहा कि रेपो दर में वृद्धि किए जाने की उम्मीद नहीं है. हालांकि एमपीसी अपना रूख उदार से बदलकर तटस्थ कर सकती है.
पिछली एमपीसी दिसंबर, 2021 में हुई थी. तब केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा था. कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रॉन को लेकर अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के इरादे से केंद्रीय बैंक ने लगातार नौवीं बार नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया था.
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