RBI Monetary Policy: ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर
Reserve bank of india Monetary Policy मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 4.25% पर रहेगा. रिवर्स रेपो रेट 3.35 पर रहेगा. केंद्रीय बैंक ने लगातार 7 वीं बार है ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लिया है. रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह 4 प्रतिशत तक बरकरार रहेगा. मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 4.25% पर रहेगा. रिवर्स रेपो रेट 3.35 पर रहेगा. केंद्रीय बैंक ने लगातार 7 वीं बार है ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
आरबीआई ने कहा, हमारा फोकस डिमांड और सप्लाई
यह ऐलान करते हुए आरबीआई गर्वनर ने कहा, अकोमोडेटिव रुख पर 6 में से 5 सदस्य सहमत थे. उन्होंने यह भी कहा कि एमपीसी की उम्मीदों के आधार पर अर्थव्यस्था आगे बढ़ रही है . गर्वनर ने बताया कि हमारा फोकस सप्लाई, डिमांड बेहतर करने पर है साथ ही यह भी उम्मीद जतायी कि जैसे – जैसे वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज होगी वैसे ही अर्थव्यस्था और तेज होगी.
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जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसद
आरबीआई गर्वनर ने बताया कि 21-22 के लिए खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 5.7% रखा गया है. प्राइस मोमेंटम मॉडरेट रहा है. अभी डिमांड के सुधार में थोड़ा वक्त लग सकता है . जून में महंगाई दर ज्यादा है. आरबीआई गवर्नर. जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी 9.5 फीसद रखा गया है.
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का असर
इस फैसले पर कई एक्सपर्ट ने माना है कि . रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करके आरबीआई ने कोई बड़ा रिस्क नहीं लिया है. देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा है. महंगाई पर असर पड़ सकता है.
समझ लीजिए रेपो रेट
रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है. इसे ही रिप्रोडक्शन रेट या रेपो रेट कहते हैं. अगर रेपो रेट कम होता है, तो बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जायेगा.
अब समझिये रिवर्स रेपो रेट
रिवर्स रेपो रेट बैकों को आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है इसे ही रिवर्स रेपो रेट (Reverse repo rate) कहते हैं. बैंक अपने पास ज्यादा पैसे नहीं रखते अतिरिक्त पैसा को रिजर्व बैंक में जमा करते हैं इन जमा पैसों पर ही रिजर्व बैंक ब्याज देता है.
क्या होगा असर
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आरबीआई ने ब्याज दर में किसी भी तरह का बदलाव ना करके किसी भी तरह के अर्थव्यस्था में बदलाव से बचने की कोशिश की है. देश में कोरोना संक्रमण का खतरा पूरी तरह नहीं टला है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका तेज है. वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है.
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