RBI MPC Meeting में रेपो रेट पर चर्चा शुरू, पॉलिसी रेट में कटौती होगी या नहीं? संशय बरकरार

RBI MPC Meeting : रिजर्व बैंक (RBI) की नवगठित मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की. इस बैठक में रेपो रेट को लेकर चर्चा होगी और समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को होगी. लेकिन, फिलहाल पॉलिसी रेट में कटौती होगी या नहीं? इसे लेकर संशय बरकरार है. हालांकि, विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों में से कुछ को छोड़कर अधिकांश लोग रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.

By Agency | October 7, 2020 4:50 PM

RBI MPC Meeting : रिजर्व बैंक (RBI) की नवगठित मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की. इस बैठक में रेपो रेट को लेकर चर्चा होगी और समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को होगी. लेकिन, फिलहाल पॉलिसी रेट में कटौती होगी या नहीं? इसे लेकर संशय बरकरार है. हालांकि, विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों में से कुछ को छोड़कर अधिकांश लोग रेपो रेट में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.

समिति की यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण नीतिगत दर को यथावत रखे जाने के अनुमान हैं. एमपीसी की यह बैठक पहले 29 सितंबर से एक अक्टूबर के दौरान होने वाली थी. हालांकि, नये स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक का समय नये सिरे से तय किया गया. सरकार ने अब तीन प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे को आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया है.

विशेषज्ञों ने कहा कि आरबीआई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति में तेजी के मद्देनजर नीतिगत दर में कमी नहीं कर सकता है. हालांकि, उद्योग संगठनों का विचार है कि रिजर्व बैंक को कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने की गंभीर चुनौतियों के मद्देनजर नीतिगत ब्याज दरों में कमी का अपना रुख बनाये रखना चाहिए.

यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) पिछली दो तिमाहियों (मार्च और जून 2020) में आरबीआई के ऊपरी सीमा 6 फीसदी से अधिक रही है. इसके सितंबर तिमाही में भी 6 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है. जैन का अनुमान है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर को यथावत रखेगा.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले कहा था, हालांकि मौद्रिक नीति से संबंधित उपाय करने का विकल्प है, लेकिन इसे आगे आ सकने वाली अप्रत्याशित परिस्थिति के लिए बचाकर रखना उचित होगा. मनीबॉक्स फाइनेंस के सह संस्थापक एवं सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मयुर मोदी ने कहा कि छोटी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को कार्यशील पूंजी तथा वृद्धि दोनों मोर्चे पर तरलता से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Also Read: PM Kisan Yojana के खाताधारकों को बिना पैसा खर्च किए साल में मिलेगा 42,000 रुपये, जानिए कैसे?

रिसर्जेंट इंडिया की प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गादिया ने कहा कि आरबीआई को इस स्तर पर वृद्धि को तरजीह देना चाहिए, भले ही इसके कारण मुद्रास्फीति के मोर्चे पर कुछ कीमत चुकानी पड़े. फर्स्टरैंड बैंक के ट्रेजरी हेड हरिहर कृष्णमूर्ति ने कहा कि हर किसी के साथ, मैं भी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद करता हूं, क्योंकि मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के लक्षित दायरे के स्तर से ऊपर है.

Also Read: IRCTC Tejas Express Trains : 7 महीने बाद 17 अक्टूबर से दोबारा चलने लगेगी तेजस एक्सप्रेस, जानिए कब शुरू होगी बुकिंग

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अगस्त में हुई पिछली बैठक में नीतिगत दर को यथावत रखा था. हालांकि, उससे पहले फरवरी के बाद से रिजर्व बैंक नीतिगत दर में 1.15 अंक की कटौती कर चुका है.

Also Read: आरबीआई 9 अक्टूबर को करेगा पॉलिसी रेट का ऐलान, रेपो रेट घटेगा या नहीं होगा कोई बदलाव? कल से शुरू होगा मंथन

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version