RBI MPC Meeting: आपके लोन की ईएमआई घटेगी या बढ़ेगा बोझ? आरबीआई एमपीसी की बैठक में होगा तय
RBI MPC Meeting: महंगाई को देखते हुए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने फिलहाल अपनी ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया. उसने यह संकेत भी दिए हैं कि आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है. आरबीआई भी भारत की ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा और अमेरिकी बैंक फेडरल रिजर्व के कदमों पर नजर बनाए रखेगा.
RBI MPC Meeting: हमारे-आपके लोन की ब्याज दर तय करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक मंगलवार 6 अगस्त 2024 से शुरू होगी. फिलहाल, आरबीआई की मौद्रिक नीतियों से ताल्लुक रखने वाले जानकारों की ओर से कयास यह लगाए जा रहे हैं कि महंगाई का दबाव लगातार बने रहने की वजह से पिछले महीनों की तरह इस बार भी नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में बदलाव नहीं करेगा. हालांकि, संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि भारत का केंद्रीय बैंक दिसंबर, 2024 तक ब्याज दरों को नहीं छुएगा. आरबीआई द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान एमपीसी की पिछले कई बैठकों से रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर रहा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास तीन दिवसीय की बैठक में हुए फैसलों का ऐलान गुरुवार 8 अगस्त 2024 को सुबह 11 बजे करेंगे.
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फेडरल रिजर्व की नीतियों का पालन करेगा आरबीआई
आरबीआई की मौद्रिक नीतियों की समीक्षा पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई को देखते हुए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने फिलहाल अपनी ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया. उसने यह संकेत भी दिए हैं कि आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है. मौद्रिक नीति में ढील देने का अर्थ ब्याज दरों में कटौती करना है. इस लिहाज से महंगाई का दबाव बने रहने पर आरबीआई भी भारत की ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा और अमेरिकी बैंक फेडरल रिजर्व के कदमों पर नजर बनाए रखेगा.
महंगाई में नहीं आई है कमी
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि मौद्रिक नीति समिति भी ब्याज दर में कटौती से परहेज कर सकती है. इसका कारण यह है कि रेपो रेट भले ही बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दी गई हो, लेकिन भारत की आर्थिक वृद्धि बेहतर है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस को उम्मीद है कि द्विमासिक नीतिगत समीक्षा में आरबीआई ब्याज दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा. महंगाई दर आज भी 5.1 फीसदी ऊंचाई पर बनी है. आने वाले महीनों में इसमें संख्यात्मक रूप से कमी आएगी, लेकिन आधार प्रभाव के कारण यह अधिक बनी रहेगी.
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ब्याज दर में बदलाव की गुंजाईश नहीं
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि, चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 4.9 फीसदी की महंगाई दर के साथ मिलकर ब्याज दर में बदलाव नहीं करने के पक्ष में रुख बना रही है. उन्होंने कहा कि अगस्त, 2024 की बैठक में रुख में बदलाव या ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश नहीं लग रही है. उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून और वैश्विक या घरेलू झटकों की अनुपस्थिति में खाद्य मुद्रास्फीति अनुकूल हो जाती है, तो अक्टूबर, 2024 में रुख में बदलाव संभव है. इसके बाद दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में ब्याज दरों में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है.
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