RBI MPC meeting : कोरोना महामारी के दौरान कर्ज सस्ता होगा या महंगा, इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शुक्रवार यानी 4 जून को रेपो रेट का ऐलान करेगा. बुधवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई है. उम्मीद यह जताई जा रही है कि एमपीसी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पैदा हुए अनिश्चितता के माहौल नीतिगत दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं कर सकती है.
एमपीसी द्वारा मुद्रास्फीति में तेजी की आशंका के चलते भी इस दौरान ब्याज दरों में किसी बदलाव की उम्मीद कम ही है. प्रत्येक दो महीने में होने वाली इस मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे. आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. इस समय रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है.
ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंदा राव ने कहा कि उम्मीद से बेहतर जीडीपी के आंकड़ों से एमपीसी को वृद्धि के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है. उन्होंने कहा कि हालांकि देश के कई हिस्सों में लगाए गए आंशिक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के चलते आर्थिक वृद्धि को लेकर नकारात्मक जोखिम तेज हो गए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में संभावना यह है कि आरबीआई अपने उदार मौद्रिक नीति के रुख को जारी रखेगा और सतर्क दृष्टिकोण के साथ रेपो रेट को 4 फीसदी पर बनाए रखेगा.
हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के अपने प्रमुख लक्ष्य को खतरे में डाले बिना अपने उदार रुख को बनाए रख सकता है. कोटक महिंद्रा बैंक के समूह अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शांति एकंबरम ने भी कहा कि एमपीसी नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा और एक उदार रुख के साथ प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा.
Posted by : Vishwat sen
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