मंगलवार को बजट पेश होने के बाद फाइनेंस सेक्टर मे नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं. जुलाई 24 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सर्कुलर जारी कर बैंकों में नकद भुगतान सेवाओं के संबंध में सख्त नियम लागू किए हैं. इन नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब वित्तीय संस्थानों को नकद हस्तांतरण प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का विस्तृत रिकॉर्ड रखना होगा. “नकद भुगतान” शब्द का अर्थ बैंक खातों से उन व्यक्तियों को धन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया है जिनके पास अपना स्वयं का बैंक खाता नहीं है. RBI ने ‘घरेलू धन हस्तांतरण’ पर अपने पिछले दिशा-निर्देशों को अपडेट किया है जिन्हें पहली बार अक्टूबर 2011 में पेश किया गया था.
1 नवंबर से नियम होंगे लागू
नए नियम के अनुसार, 1 नवंबर 2024 से बैंकों को किसी भी नकद लेनदेन के लिए नाम और पते जैसी व्यक्तिगत जानकारी का रिकॉर्ड रखना शुरू करना होगा. नकद लेनदेन के संबंध में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निर्दिष्ट किया है कि भेजने वाले बैंक या व्यवसाय संवाददाता (BC) को अपने KYC दिशा-निर्देशों के अनुसार सत्यापित मोबाइल नंबर और स्व-घोषित ‘आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज़ (OVD)’ का उपयोग करके प्रेषक को रजिस्टर कर पाएंगे.
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नई गाइडलाइन मे यह हैं नियम
नए नियम लागू होने के बाद प्रेषकों को किसी भी लेनदेन के लिए एक अतिरिक्त सत्यापन चरण से गुजरना होगा, जिसे प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (AFA) कहा जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक का यह भी कहना है कि IMPS/NEFT लेनदेन के लिए प्रेषक की जानकारी संदेशों में शामिल होनी चाहिए. लेकिन उन्होंने कार्ड-टू-कार्ड हस्तांतरण के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए. 2011 में, घरेलू मनी ट्रांसफर उद्योग के लिए कुछ नियम बनाए गए थे. तब से, बैंकिंग आउटलेट्स की संख्या में वृद्धि हुई है और भुगतान प्रणालियों में सुधार हुआ है. अब केवाईसी आवश्यकताओं को पूरा करना आसान हो गया है.
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