Loading election data...

RBI News : कोरोना काल के बाद बदल जाएगी दुनिया, आरबीआई ने किया आगाह, कह दी ये बड़ी बात

coronavirus, indian economy, rbi : देश में एक दिन में 60,975 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कोविड-19 के मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 31,67,323 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 24,04,585 हो गई है जिससे ठीक होने की दर 75.92 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच भारत को सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए गहरे और व्यापक सुधारों की जरूरत है.

By Agency | August 25, 2020 2:17 PM

देश में एक दिन में 60,975 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद कोविड-19 के मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 31,67,323 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 24,04,585 हो गई है जिससे ठीक होने की दर 75.92 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच भारत को सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए गहरे और व्यापक सुधारों की जरूरत है.

केंद्रीय बैंक ने आगाह किया है कि इस महामारी की वजह से देश की संभावित वृद्धि दर की क्षमता नीचे आएगी. रिजर्व बैंक ने अपने ‘आकलन और संभावनाओं’ में कहा है कि कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से ‘तोड़’ दिया है. भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था का आकार इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी का फैलाव कैसा रहता है, यह महामारी कब तक रहती है और कब तक इसके इलाज का टीका आता है. केंद्रीय बैंक का ‘आकलन और संभावनाएं’ 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा हैं. कोविड-19 महामारी में रिजर्व बैंक से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

रिजर्व बैंक ने कहा कि एक बात जो उभरकर आ रही है, वह यह है कि कोविड-19 के बाद की दुनिया बदल जाएगी और एक नया ‘सामान्य’ सामने आएगा. रिजर्व बैंक ने कहा, महामारी के बाद के परिदृश्य में गहराई वाले और व्यापक सुधारों की जरूरत होगी. उत्पाद बाजार से लेकर वित्तीय बाजार, कानूनी ढांचे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के मोर्चे पर व्यापक सुधारों की जरूरत होगी. तभी आप वृद्धि दर में गिरावट से उबर सकते हैं और अर्थव्यवस्था को वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के साथ मजबूत और सतत वृद्धि की राह पर ले जा सकते हैं.

Also Read: Congress Crisis : ‘यह तो अंत की शुरुआत’, देर रात बैठक कर नई रणनीति, बोले सिब्बल- मेरे लिए पद नहीं, देश अहम

रिजर्व बैंक ने कहा कि शेष दुनिया की तरह भारत में भी संभावित वृद्धि की संभावनाएं कमजोर होंगी. ‘’कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में प्रोत्साहन पैकेज और नियामकीय रियायतों से हासिल वृद्धि को कायम रखना मुश्किल होगा, क्योंकि तब प्रोत्साहन हट जाएंगे. रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार भी कुछ अलग होगा. वैश्विक वित्तीय संकट कई साल की तेज वृद्धि और वृहद आर्थिक स्थिरता के बाद आया था. वहीं कोविड-19 ने ऐसे समय अर्थव्यवस्था को झटका दिया है, जबकि पिछली कई तिमाहियों से यह सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही थी.

Posted By : Amitabh Kumar

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version