ATM से सिर्फ 5000 रुपए निकालने की सीमा हो सकती है तय, आरबीआई की समिति ने की सिफारिश

RBI news, ATM cash withdrawals: कोरोना संकट के इस दौर में हो सकता है कि आने वाले दिनों में एक बार में एटीएम से 5000 रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर आपको कुछ चार्ज भरना पड़े. एटीएम कैश लिमिट को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) विचार कर रहा है. दरअसल, आरबीआई की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में एटीएम से पैसा निकालने की सीमा को घटाने की सिफारिश की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2020 8:46 AM
an image

RBI news, ATM cash withdrawals: कोरोना संकट के इस दौर में हो सकता है कि आने वाले दिनों में एक बार में एटीएम से 5000 रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर आपको कुछ चार्ज भरना पड़े. एटीएम कैश लिमिट को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) विचार कर रहा है. दरअसल, आरबीआई की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में एटीएम से पैसा निकालने की सीमा को घटाने की सिफारिश की है. अगर आरबीआई इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लेती है, तो एटीएम से पैसा निकालाना या अन्य काम थोड़ा महंगा हो जाएगा.

जानकारी के अनुसार इस समिति ने जो सिफारिश की है उसके मुताबिक एटीएम से 5000 रुपये तय की जानी चाहिए. इसके अलावा एटीएम के इस्तेमाल की फीस को भी बढ़ाने की सिफारिश की है. हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि आरबीआई ने इन सिफारिशों को स्वीकार किया है या नहीं. मनीलाइफ की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ने कुछ समय पहले एटीएम इंटरचेंज फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा के लिए इस कमिटी का गठन किया था.

Also Read:
मॉस्को दौरे पर रक्षामंत्री राजनाथ, तिलमिलाए चीनी मीडिया ने कहा- भारत को हथियार न दे रूस

शहर की आबादी पर चार्ज अलग – अलग 

आरबीआई की एक समिति ने एटीएम से होने वाले सभी तरह के ट्रांजैक्शनों पर इंटर चेंज शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है. समिति की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एटीएम से प्रति ट्रांजैक्शन की लिमिट 5000 रुपये तय कर देना चाहिए. अगर कोई इससे ज्यादा पैसे निकालता है, तो उस ट्रांजेक्शन पर शुल्क लिया जाना चाहिए.इस समिति ने 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए ऐसे चार्ज में 24 फीसदी तक की बढ़त की सिफारिश की है.

आरबीआई की समिति की इस रिपोर्ट में सिगंल ब्रांच ट्रांजेक्शन और सिंगल एटीएम ट्रांजेक्शन की लागत की भी तुलना भी की गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते प्रति कस्टमर एटीएम ट्रांजेक्शनों में ब्रांच ट्रांजेक्शन की तुलना में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. इसको देखते हुए सिगंल ब्रांच ट्रांजेक्शन और सिंगल एटीएम ट्रांजेक्शन की लागत की तुलना उचित नहीं होगी.

आरटीआई से हुआ खुलासा

आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि रिजर्व बैंक की एक समिति ने कैश निकासी को कम करने के लिए सुझाव दिया था. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, इंडियन बैंक्स असोसिएशन के चीफ एग्जिक्युटिव वीजी कन्नन की अध्यक्षता में बनी समिति ने कैश निकासी की आदत को कम करने के लिए जो अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें इस बात का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट को उन्होंने 22 अक्टूबर 2019 को रिजर्व बैंक को सौंपा था, हालांकि इसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया. आरटीआई कार्यकर्ता श्रीकांत एल ने याचिका आरबीआई से लगायी थी.

Posted By: Utpal kant

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version