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UPI Lite Wallet : यूपीआई लाइट वैलेट से अब एक बार में भेज सकेंगे 5000 रुपये, आरबीआई ने नियमों में किया बदलाव

UPI Lite Wallet: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी रेपो दर को लगातार दसवीं बार 6.5% पर स्थिर रखा और साथ ही, मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने प्रति लेनदेन की सीमा बढ़ाकर ₹10,000 कर दी है. और UPI Lite वॉलेट और लेनदेन की सीमाओं में भी वृद्धि की है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी रेपो दर को लगातार दसवीं बार 6.5% पर स्थिर रखा और साथ ही, मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने प्रति लेनदेन की सीमा बढ़ाकर ₹10,000 कर दी है. और UPI Lite वॉलेट और लेनदेन की सीमाओं में भी वृद्धि की है.

UPI Lite Wallet : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक में किए गए निर्णयों की घोषणा की. इस बैठक में केंद्रीय बैंक ने लगातार दसवीं बार प्रमुख ब्याज दर को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया हैं. यह कदम आर्थिक स्थिरता और विकास पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है. साथ ही, RBI ने डिजिटल भुगतान प्रणाली में बदलाव करते हुए UPI 123Pay और UPI Lite वॉलेट की लेनदेन सीमा बढ़ाने का भी फैसला किया है, जिससे अधिक लोगों को डिजिटल लेनदेन में सुविधा मिलेगी.

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UPI 123Pay की सीमा बढ़ी

UPI 123Pay, जो फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है, अब प्रति लेनदेन की सीमा को ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है. UPI 123Pay मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य उन 40 करोड़ भारतीय फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करना है, जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन या स्मार्टफोन नहीं है. यह फीचर उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और सहज तरीके से बिना इंटरनेट के UPI भुगतान करने की अनुमति देता है, जिससे वित्तीय समावेशन में वृद्धि हो रही है.

UPI Lite वॉलेट और लेनदेन सीमा में वृद्धि

इसके साथ ही, UPI Lite वॉलेट की सीमा को ₹2,000 से बढ़ाकर ₹5,000 कर दिया गया है, और UPI Lite की प्रति लेनदेन सीमा भी ₹100 से बढ़ाकर ₹500 कर दी गई है. UPI Lite का उपयोग छोटे भुगतान के लिए किया जाता है, और यह वृद्धि उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा प्रदान करेगी. छोटे व्यापारियों और ग्राहकों के लिए यह सीमा वृद्धि काफी महत्वपूर्ण है, जिससे उनके दैनिक लेनदेन अधिक सरल और सुरक्षित हो जाएंगे.

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टैक्स भुगतान की सीमा में भी वृद्धि

]RBI ने अपनी अगस्त 2024 की मौद्रिक नीति घोषणा में UPI के माध्यम से टैक्स भुगतान की सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख प्रति लेनदेन कर दिया था. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, “यह निर्णय UPI के माध्यम से टैक्स भुगतान को और अधिक सरल बनाने के लिए लिया गया है.” इससे टैक्सदाताओं को UPI के माध्यम से बड़े भुगतान करने में आसानी होगी, और टैक्स भुगतान प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो जाएगी.

डिजिटल भुगतान के भविष्य की ओर

PwC इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में UPI लेनदेन की कुल संख्या 2028-29 तक 439 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 131 अरब थी. यह रिपोर्ट “द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक – 2024-29” में प्रकाशित की गई है, जिसमें यह बताया गया है कि भारत का डिजिटल भुगतान परिदृश्य पिछले आठ वर्षों में काफी विकसित हुआ है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस उद्योग में तीन गुना वृद्धि की संभावना है, जो 2023-24 में 159 अरब लेनदेन से बढ़कर 2028-29 तक 481 अरब लेनदेन तक पहुंच सकती है.

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डिजिटल भुगतान में तीन गुना वृद्धि

यह वृद्धि न केवल भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करेगी, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित, सरल और तेज़ भुगतान के अवसरों को भी बढ़ाएगी. भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में हो रहे इन बदलावों का प्रभाव न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी देखा जा सकेगा, जहां UPI 123Pay और UPI Lite जैसे सुविधाएं लोगों को डिजिटल भुगतान से जोड़ने का काम कर रही हैं.

UPI का यह विस्तार और लेनदेन सीमा में वृद्धि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. सरकार और केंद्रीय बैंक की यह पहल देश की वित्तीय प्रणाली को और अधिक समावेशी और लचीला बना रही है, जिससे सभी वर्गों के लोगों को फायदा हो रहा है.

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