RBI Repo Rate: आरबीआई ने ब्याज दरों में लगातार 11वीं बार नहीं किया कोई बदलाव, जानें 10 बड़ी बातें

RBI Repo Rate: शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मूल्य स्थिरता लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन विकास भी जरूरी है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 के बहुमत से नीतिगत रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है.

By KumarVishwat Sen | December 6, 2024 10:35 AM

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में लगातार 11वीं बार किसी प्रकार का बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. तीन दिनों तक चली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार 6 दिसंबर 2024 को ब्याज दरों का ऐलान किया है. आरबीआई पिछली 10 बार से प्रमुख नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखे हुए है. आरबीआई के इस कदम से होम लोन की ईएमआई में कोई कमी नहीं आएगी. हालांकि, केंद्रीय बैंक पर सरकार की ओर से ब्याज दरों को सस्ता करने का दबाव भी था.

मूल्य स्थिरता महत्वपूर्ण लेकिन विकास भी जरूरी: शक्तिकांत दास

शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मूल्य स्थिरता लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन विकास भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुद्रास्फीति की अंतिम मंजिल लंबी और कठिन होती जा रही है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 के बहुमत से नीतिगत रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है.

इसे भी पढ़ें: आलू-टमाटर ने बिगाड़ा रसोई का बजट, शाकाहारी थाली 7% महंगी

आरबीआई गवर्नर के ऐलान से जुड़ी 10 बड़ी बातें

  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महंगाई दर 4.8% रहने का अनुमान जाहिर किया है.
  • वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में महंगाई दर अपने निर्धारित स्तर 4% से बढ़कर 5.7% रहने का अनुमान है.
  • वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में महंगाई से लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है और यह घटकर 4.5% के स्तर पर आ सकती है.
  • वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में महंगाई दर घटकर 4.6% और दूसरी तिमाही में 4% पर पहुंच जाएगी.
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2% थी, जो घटकर 6.6% आ गई है.
  • वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही की शुरुआत में ग्रोथ रेट 7.0% पर रही.
  • वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में यह 7.4% से घटकर 6.8% पर पहुंच गई है.
  • वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में ग्रोथ रेट 7.4% से घटकर 7.2% रहने का अनुमान है.
  • वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 6.9% रहने का अनुमान है.
  • वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट बढ़कर 7.3% रह सकती है.

बैंकों में लोन और डिपॉजिट के अंतर में आई कमी

गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय क्षेत्र और वित्तीय संस्थाओं की निगरानी के लिए आरबीआई के प्रो-एक्टिव अप्रोच पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि कॉर्शियल बैंकों में लोन वृद्धि और जमा वृद्धि के बीच का अंतर कम हो गया है. केंद्रीय बैंक गैर-विघटनकारी तरीके से मुद्दों को हल करने पर फोकस्ड है. इसके तहत केवल खराब मामलों में ही व्यावसायिक प्रतिबंध लगाए जाते हैं. बैंकिंग प्रणाली में स्थिरता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है.

सीआरआर में आधा फीसदी की कटौती

अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) को 4.5% से घटाकर 4% कर दिया. इस कदम से बैंकों में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. सीआरआर के तहत कॉमर्शियल बैंकों को अपनी जमा का एक निर्धारित हिस्सा नकद भंडार के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है. आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5% बढ़ाकर 4.8% रहने का अनुमान जताया है.

इसे भी पढ़ें: Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कहीं उछाल तो कहीं गिरावट, जानें बिहार-झारखंड और यूपी के प्रमुख शहरों के भाव

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version