RBI Repo Rate: कड़क महंगाई के बीच बढ़ेगी EMI! आरबीआई के गर्वनर ने रेपो दर में एक और वृद्धि का दिया संकेत

RBI Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने सोमवार को रेपो रेट में एक और वृद्धि का संकेत दिया है. खुदरा महंगाई दर पिछले 4 माह से शीर्ष बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2022 5:13 PM
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RBI Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने सोमवार को रेपो रेट में एक और वृद्धि का संकेत दिया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बढ़ती मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए जून की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में एक और बढ़ोतरी का संकेत दिया है. खुदरा महंगाई दर पिछले 4 माह से शीर्ष बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है.

वृद्धि कितनी होगी, अभी तय नहीं

आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने न्यूज चैनल सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कहा कि नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना है, इसमें बहुत कुछ सोचने वाली बात नहीं है. हालांकि, यह वृद्धि कितनी होगी, वह इस बारे में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है. उन्होंने कहा कि यह बताना कि यह बढ़कर 5.15 फीसदी हो जाएगी, शायद बहुत सही नहीं है.

6-8 जून को होगी MPC की बैठक

बताया जा रहा है कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक आने वाले जून महीने में 6 से 8 तारीख को होगी. मालूम हो कि आरबीआई ने बिना किसी तय कार्यक्रम के इस महीने की शुरुआत में रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की. चार साल में यह पहला मौका था, जब रेपो दर में वृद्धि की गयी. केंद्रीय बैंक ने अप्रैल महीने में मौद्रिक नीति समीक्षा में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया. साथ ही 2022-23 के लिये जीडीपी (GDP) अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया.

मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए उठाए गए कई कदम

शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई और केंद्र सरकार ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नये सिरे से समन्वित कदम उठाने शुरू किये हैं. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने पिछले 2-3 महीनों में मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये कई कदम उठाये हैं. दूसरी तरफ, सरकार ने गेहूं निर्यात पर पाबंदी तथा पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती जैसे कदम उठाए हैं.

मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 7.79 फीसदी हो गयी

दास ने कहा कि इन सब उपायों से बढ़ती महंगाई को काबू में लाने में मदद मिलेगी. सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. यह अभी इस दायरे से ऊपर है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 7.79 फीसदी हो गयी, जो इससे पूर्व महीने में 6.95 फीसदी थी. जबकि, अप्रैल 2021 में यह 4.21 प्रतिशत थी.

वित्त वर्ष 2022-23 के लिये राजकोषीय घाटा 6.4 फीसदी रहने का अनुमान

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि रूस और ब्राजील को छोड़कर लगभग हर देश में ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं. विकसित देशों में मुद्रास्फीति का लक्ष्य करीब 2 फीसदी है. जापान और एक अन्य देश को छोड़कर सभी विकसित देशों में मुद्रास्फीति 7 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. राजकोषीय घाटे के संदर्भ में शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार लक्ष्य को हासिल कर सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि कर्ज की सीमा को बढ़ाने की संभवत: जरूरत नहीं पड़ेगी. वित्त वर्ष 2022-23 के लिये राजकोषीय घाटा 6.4 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है.

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