झूठ बोलकर लोन लेने वाले जा सकते हैं जेल, आरबीआई का यूएलआई खंगाल लेगा सारा रिकॉर्ड

RBI ULI: यूएलआई लोन प्रोसेसिंग को आसान बनाते हुए लोन देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आसानी से तुरंत आवश्यक जानकारी मुहैया कराएगा. इसके पास किसानों की जमीन का रिकॉर्ड होने के साथ-साथ मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम वालों उद्यमियों का डाटा भी रहेगा. लोन के लिए आवेदन करने पर यह झट से सच और झूठ को पकड़ लेगा.

By KumarVishwat Sen | August 29, 2024 2:59 PM

RBI ULI: झूठ बोलकर या जमीन का फर्जी दस्तावेज दिखाकर अब कोई भी किसान या व्यक्ति बैंकों से कृषि लोन नहीं ले सकेगा. इसका कारण यह है कि देश के जरूरतमंद असली किसानों को कृषि लोन देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक ऐसा तगड़ा सिस्टम लाने जा रहा है, जिसके पास भारत के प्रत्येक किसानों का रिकॉर्ड मौजूद होगा. यह सिस्टम भी डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस की तरह ही काम करेगा. आरबीआई ने इस सिस्टम को किसानों, छोटे दुकानदारों और छोटे उद्यमियों को बिना किसी दस्तावेज के फटाफट लोन मुहैया कराने के लिए ही ईजाद किया है. हालांकि, केंद्रीय बैंक कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. जब यह पूरे देश में लागू हो जाएगा, तब फर्जी तरीके से लोन लेने वाला का सफेद झूठ इसके सामने धराशायी हो जाएगा. फिर झूठ बोलकर या फर्जी दस्तावेज पर लोन का धंधा चलाने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है. आरबीआई ने इस सिस्टम का नाम यूएलआई यानी यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस रखा है.

आरबीआई का यूएलआई क्या है?

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस को संक्षेप में यूएलआई कहा जाता है. यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिस लोन की प्रक्रिया को सुव्यवस्था और बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में लोन की जरूरतों को पूरा करना है. इसे कृषि, एमएसएमई (मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम) और गांवों के छोटे दुकानदारों पर केंद्रित किया गया है. यूएलआई लोन के आवेदन और उसकी मंजूरी की प्रक्रिया को आसान बनेगी और ग्रामीण क्षेत्र के जरूरतमंदों को आसानी से कर्ज उपलब्ध हो सकेगा. इसके लागू हो जाने के बाद फर्जी तरीके से लोन का धंधा करने वालों की दुकानदारी पूरी तरह से बंद हो जाएगी और वे फर्जी दस्तावेज पर लोन नहीं ले सकेंगे.

यूएलआई कैसे काम करता है?

यूएलआई लोन प्रोसेसिंग को आसान बनाते हुए लोन देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आसानी से तुरंत आवश्यक जानकारी मुहैया कराएगा. इसका लक्ष्य डिजिटल जानकारी के निर्बाध आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करना है, जिसमें वित्तीय पैरामीटर शामिल हैं. इसके पास किसानों की जमीन का रिकॉर्ड होने के साथ-साथ मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यम वालों उद्यमियों का डाटा भी रहेगा. जैसे ही कोई किसान या छोटा उद्यमी अपने स्मार्टफोन से लोन के लिए अप्लाई करेगा, यूएलआई संबंधित बैंक को पलक झपकते ही उस आवेदक से संबंधित डाटा बैंक या कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान को उपलब्ध करा देगा. जरूरी जानकारी मिलते ही बैंक कुछ ही देर में लोन की मंजूरी देते हुए संबंधित आवेदक के बैंक खाते में पैसा डिपॉजिट कर देगा. दरअसल, आरबीआई ने यूएलआई को प्लग-एंड-प्ले आर्किटेक्चर के साथ डिजाइन कराया है, जो विभिन्न स्रोतों से जानकारी एकत्र करके संबंधित बैंक और वित्तीय संस्थानों को उपलब्ध कराता है. इसमें मानकीकृत एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) की सुविधा होगी, जिससे विभिन्न चैनलों से सुचारू डेटा एकीकरण और पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित होगी.

लोन के लिए दस्तावेज की नहीं पड़ेगी जरूरत

यूएलआई क्रेडिट का मूल्यांकन के लिए लगने वाले समय को कम करेगा. खासकर छोटे उद्यमी, छोटे दुकानदार और ग्रामीण किसानों को इस यूएलआई के जरिए फटाफट लोन मिलेगा. यूएलआई आर्किटेक्चर अलग-अलग सोर्स से जानकारी तक डिजिटल एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ नजरिए के हिसाब से बनाया गया है. इससे कई टेक्निकल इंटीग्रेशन की जटिलता कम होगी. खास बात यह है कि यूएलआई के जरिए लोन लेने पर आवेदनकर्ता को किसी प्रकार का दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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