RBI Updates : आपको होम लोन में मिली राहत ? RBI ने कहा…
RBI Updates : आरबीआई ने आर्थिक गतिविधियों में आवास क्षेत्र के महत्व को देखते हुए व्यक्तिगत होम (Home loan) लोन पर बैंकों के जोखिम संबंधी प्रावधानों में ढील देने का फैसला किया है.
RBI Updates : आरबीआई ने आर्थिक गतिविधियों में आवास क्षेत्र के महत्व को देखते हुए व्यक्तिगत होम (Home loan) लोन पर बैंकों के जोखिम संबंधी प्रावधानों में ढील देने का फैसला किया है. इससे बैंकों को पूंजी का प्रावधान कम करना होगा और वे अधिक होम लोन देने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2022 तक मंजूर किए जाने वाले सभी होम लोन के लिए अब केवल कर्ज की राशि और आवासीय सम्पत्ति के मूल्य के अनुपात :एलटीवी: की कसौटी ही लागू होगी.
आरबीआई ने कहा है कि अब आवासीय सम्पत्ति मूल्य के 80 प्रतिशत तक के कर्ज पर बैंकों के लिए 35 प्रतिशत जोखिम भारांक के आधार पर पूंजी का प्रावधान रखना होगा. इसी तरह 90 प्रतिशत तक के कर्ज के लिए जोखिम मानक 50 प्रतिशत भारांक के अनुसार पूंजी रखनी होगी. अभी तक बैंकों के लिए कर्ज की राशि और एलटीवी दोनों के आधार पर अलग अलग जोखिम भारांक के अनुसार प्रावधान करना होता था.
आरबीआई ने कहा कि जोखिम भारांक की कसौटी को तर्कसंगत बनाने से ‘बैंक व्यक्तिगत होम लोन देने को प्रोत्साहित होंगे. रिजर्ब बैंक ने कहा है कि आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में आवास विकास क्षेत्र के महत्व को देखते हुए कर्ज पर जोखिम पूंजी संबंधी प्रावधानों को तर्क संगत बनाने का यह निर्णय किया गया है.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें
-रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
-आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बरकरार रखने की घोषणा की.
-दास ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है.
-अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं.
-नियंत्रण अथवा अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत.
-चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान.
-जीडीपी के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आने का अनुमान.
-वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में मिल सकती है गति, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी.
-चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट.
-रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपये जारी किये जायेंगे.
-मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद.
Posted By : Amitabh Kumar
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