Credit Card Dues: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार 9 अक्टूबर 2024 को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के तहत नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) का ऐलान कर दिया है. 7 अक्टूबर 2024 से शुरू आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनों तक चली बैठक में रेपो रेट में लगातार 10वीं बार बदलाव नहीं करने पर फैसला किया गया है. रेपो रेट से संबंधित मौद्रिक नीति समिति के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है। समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया.
सबसे बड़ी बात यह है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आम आदम से जुड़े कई अहम बदलवों पर भी बात की है. इसमें सबसे बड़ा बदलाव यूपीआई पेमेंट को लेकर है. आरबीआई ने यूपीआई पेमेंट के नियमों में बदलाव करते हुए यूपीआई लाइट वैलेट और यूपीआई 123 की भुगतान सीमा को बढ़ाने का भी फैसला किया है. इसके साथ ही, आरबीआई ने बैंकों को आगाह किया है कि वे क्रेडिट कार्ड के बकाये को लेकर सतर्क रहें. आइए, हम आरबीआई गवर्नर शक्तिकां दास की उन प्रमुख 15 बड़ी बातों को जानते हैं, जो आम आदमी से जुड़ी हुई हैं.
आरबीआई मौद्रिक नीति की 15 बड़ी बातें
- आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार 10वीं बार रेपो दर को 6.5% पर कायम रखा.
- मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर को यथावत रखने के पक्ष में 5:1 से फैसला किया.
- वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद मौद्रिक नीति महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में सफल रही है.
- आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रुख को बदलकर तटस्थ करने का फैसला किया.
- लचीले मौद्रिक नीति ढांचे को 8 साल पूरे हो गए हैं, यह प्रमुख संरचनात्मक सुधार है.
- महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े अर्थव्यवस्था में मजबूत गतिविधियों के संकेत दे रहे हैं, बुनियाद मजबूत बनी हुई है.
- सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में निवेश का हिस्सा 2012-13 से सबसे ऊंचे स्तर पर बना हुआ है.
- आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर को 7.2% रहने का अनुमान जाहिर किया है.
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि प्रतिकूल आधार प्रभाव और खाने-पीने के सामानों की कीमतों में तेजी के कारण सितंबर में खुदरा महंगाई के बढ़ने की आशंका है.
- आरबीआई नकदी प्रबंधन कार्यों में चुस्त और लचीला बना रहेगा.
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रुपया काफी हद तक सीमित दायरे में बना हुआ है.
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैंकों की सेहत मजबूत बनी हुई है, लेकिन बढ़ते उपभोक्ता कर्ज और क्रेडिट कार्ड बकाये को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
- आरबीआई ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये की.
- आरबीआई ने सामान्य मानसून के मद्देनजर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अपना अनुमान बरकरार रखा है.
- आरबीआई ने कहा कि घरेलू मांग में सुधार, कच्चे माल की कम लागत और सरकारी नीतियों से विनिर्माण क्षेत्र में तेजी आ रही है.
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