RBI ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार चौथी बार नहीं किया कोई बदलाव, रेपो दर 4 फीसदी पर बरकरार

RBI, Economic growth rate, Policy rate : आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने बुधवार से चल रही तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक बैठक के बाद आज शुक्रवार को नीतिगत दर की घोषणा करते हुए कहा है कि नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो दर चार प्रतिशत पर बरकरार है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मौद्रिक नीति में उदार रुख को बरकरार रखा गया है. मालूम हो कि लगातार चौथी बार मौद्रिक समीक्षा बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2021 1:09 PM

नयी दिल्ली : आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने बुधवार से चल रही तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक बैठक के बाद आज शुक्रवार को नीतिगत दर की घोषणा करते हुए कहा है कि नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो दर चार प्रतिशत पर बरकरार है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मौद्रिक नीति में उदार रुख को बरकरार रखा गया है. मालूम हो कि लगातार चौथी बार मौद्रिक समीक्षा बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आम बजट के बाद उम्मीद लगाये मिडिल क्लास के लोगों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है.

RBI रेपो दर वर्तमान में चार फीसदी के निचले रिकॉर्ड स्तर पर है. वहीं, रिवर्स रेपो दर 3.35 फीसदी है. मालूम हो कि आरबीआई ने नीतिगत दरों में पिछला संशोधन 22 मई, 2020 में किया था. इसके बाद तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आज एक बार फिर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है

आरबीआई पिछले साल फरवरी माह से रेपो दर में 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में दिसंबर 2020 में मुद्रास्फीती नीचे आने के बावजूद अब तक रुख नरम नहीं हुआ है.

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आम बजट में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.8 फीसदी रखा गया है. इसका अभिप्राय है कि सरकार को अधिक कर्ज लेना होगा. ऐसे में आरबीआई के लिए नरम ब्याज दर का रुख लंबे समय तक रखना चुनौतीपूर्ण होगा.

हालांकि, कंपनी जगत को मौद्रिक नीति समिति से मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के लिए जरूरी कदम उठाये जाने की उम्मीद है. साथ ही कंपनी जगत ने उम्मीद जतायी है कि अर्थव्यवस्था में पर्याप्त ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने का उपाय आरबीआई करेगी.

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