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मोदी सरकार के खजाने में 99,122 करोड़ रुपये देगा आरबीआई, बैठक में हुआ फैसला

बैठक में बोर्ड ने फैसला लिया आपातकालिन जोखिम बफर को 5.50 फीसद तक रखना है. इसे 5.5 से 6.5 फीसद रखने की सिफारिश जालान समिति ने दी थी. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, रिजर्व बैंक के लेख वर्ष को बदलकर अप्रैल से मार्च कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2021 2:26 PM

केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक सरप्लस 99,122 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. फंड मार्च 2021 तक 9 महीनें आरबीआई की जरूरतों से अलग का है. यह फैसला आरबीआई ने रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 589 वीं बैठक में ली है. यह बैठक गवर्नर शक्तिकांत दास अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई है.

बैठक में बोर्ड ने फैसला लिया आपातकालिन जोखिम बफर को 5.50 फीसद तक रखना है. इसे 5.5 से 6.5 फीसद रखने की सिफारिश जालान समिति ने दी थी. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, रिजर्व बैंक के लेख वर्ष को बदलकर अप्रैल से मार्च कर दिया गया है.

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पहले यह जुलाई से जून था. अब जुलाई से मार्च 2021 के नौ महीने के संक्रमण के दौरान की चर्चा की गयी है. बोर्ड ने इसी बैठक में 99,122 करोड़ केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला लिया.

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रिजर्व बैंक समय पहले भी केंद्र सरकार की मदद करता रहा साल 2019 में मोदी सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये दिये थे. यह पैसे भी जालान समिति की सिफारिशों के आदार पर दिये गये थे. इस बार भी यही किया गया है. आमदनी के बाद किये गये खर्च से जो राशि बचती है वही रकम सरप्लस फंड होता है. इस मुनाफे का बड़ा हिस्सा आरबीआई सरकार को देती है.

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