Credit Card News: अब कोई भी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर पायेंगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस संबंध में कड़े नियम बनाने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक सिर्फ उन्हीं कंपनियों को क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जारी करने का परमिशन देगा, जिनकी बैलेंस शीट काफी मजबूत हो.
-
नवंबर 2021 तक भारत में कुल 6.7 करोड़ क्रेडिट कार्ड हैं
-
93.4 करोड़ लोग भारत में डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं
-
55 करोड़ ग्राहकों की क्रेडिट ब्यूरो हिस्ट्री है भारत में
हाल ही में RBI वर्किंग ग्रुप की डिजिटल लेंडिंग रिपोर्ट (Digital Lending Report) में कहा गया है कि वित्तीय समावेशन को और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल क्रेडिट कार्ड/लाइन ऑफ क्रेडिट (Digital Credit Card/Line of Credit) को बिना लाइसेंस के संचालित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
सूत्रों की मानें, तो कुछ नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को क्रेडिट कार्ड जारी करने की मंजूरी देने पर रिजर्व बैंक विचार कर रहा है. यह मंजूरी काफी कड़ी शर्तों के साथ दी जायेगी, ताकि केवल मजबूत बैलेंस शीट वाली एनबीएफसी (NBFC) ही इस जोखिम भरे व्यवसाय में आ सकें.
Also Read: ICICI बैंक के ग्राहक ध्यान दें! क्रेडिट कार्ड के चार्जेस में होगी वृद्धि, इन सेवाओं की फीस भी बढ़ी
सूत्रों ने बताया है कि रिजर्व बैंक (RBI) एनबीएफसी को क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति देने से पहले कुछ दिशा-निर्देशों पर काम करेगा. इसमें न्यूनतम नेट वर्थ तय की जा सकती है. अर्थात् आरबीआई की ओर से तय न्यूनतम नेट वर्थ की शर्त को पूरी करने वाली NBFC को ही क्रेडिट कार्ड बिजनेस में आने की अनुमति दी जायेगी.
दरअसल, एनबीएफसी के रूप में खुद को पंजीकृत करने के लिए बहुत ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए छोटी-बड़ी किसी भी कंपनी को क्रेडिट कार्ड जारी करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता. इसलिए न्यूनमत नेट वर्थ का नियम लाया जा रहा है.
भारत में क्रेडिट कार्ड तक बहुत कम लोगों की पहुंच है. बैंक आमतौर पर सभी लोगों को क्रेडिट कार्ड जारी नहीं करते. बैंक अपने प्राइम और सुपर प्राइम ग्राहकों को ही क्रेडिट कार्ड जारी करने में दिलचस्पी दिखाते हैं. फलस्वरूप बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है, जिसे क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाता. एनबीएफसी और फिनटेक स्टार्टअप इसी बड़े हिस्से को क्रेडिट कार्ड बिजनेस से जोड़ना चाहते हैं.
Also Read: 1 जनवरी से बदलेगा डेबिट-क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट का तरीका, जानें क्या है RBI का नया नियम
भारत में कई नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां हैं, जो लाइसेंस लेकर बैंकों के साथ मिलकर क्रेडिट कार्ड जारी कर रही हैं. ऐसी कंपनियों में स्लाइस, यूनी और लेजीपे जैसी फिनटेक कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों को अगर रिजर्व बैंक (RBI) से क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति मिल जाती है, तो ग्राहकों को ज्यादा ऑफर मिलेंगे.
सूत्र बताते हैं कि भारत में एक दर्जन से अधिक करीब 15 बड़ी NBFC हैं, जिनकी रिजर्व बैंक नियमित निगरानी करता है. इन्हीं कंपनियों को क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति आरबीआई दे सकता है. बताया जा रहा है कि शुरुआत में इनके लिए एक क्रेडिट लिमिट भी तय की जा सकती है. यह लिमिट एनबीएफसी की नेट वर्थ के आधार पर तय की जायेगी.
नये जमाने की फिनटेक कंपनियां अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बाय नाउ पे लेटर (BNPL), ईएमआई (EMI) , प्रीपेड कार्ड (Prepaid Card) या यहां तक कि कस्टमर्स को तीन या अधिक किश्तों में बिलों को विभाजित करने की सुविधा दे रही हैं. भारतीय बाजार में मौजूद इस बड़ी खाई को पाटने के लिए फिनटेक स्टार्टअप्स अलग-अलग मॉडल के जरिये क्रेडिट की पहुंच बढ़ा रही है. इनका फोकस नये ग्राहकों पर है.
-
NBFC को अभी तक केवल बैंकों के साथ मिलकर ही क्रेडिट कार्ड जारी करने की इजाजत है.
-
अभी सिर्फ दो एनबीएफसी- SBI कार्ड और BoB कार्ड को ही क्रेडिट कार्ड जारी करने की इजाजत है. दोनों सरकारी स्वामित्व वाली NBFC हैं.
-
न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा, RBI लिक्विडिटी रिक्वायरमेंट को लेकर भी गाइडलाइंस में कुछ शर्तें रख सकता है.
-
आरबीआई एनबीएफसी के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी के उपायों पर भी गौर कर सकता है, क्योंकि कार्ड डिजिटल रूप से भी जारी किये जा सकते हैं.
Posted By: Mithilesh Jha
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.