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साल 2022 में पटरी पर लौट सकता है रियल एस्टेट कारोबार, 2021 में 50 फीसदी तक बढ़ी मकानों की बिक्री

इस साल के जनवरी-मार्च महीनों के दौरान घरों की बिक्री पहले के मुकाबले काफी मजबूत हुई. इसके लिए देश के सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ सरकार की ओर से भी ठोस कदम उठाए गए.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौर में पिछले दो साल से मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टटे सेक्टर का कारोबार को साल 2022 में पटरी पर लौटने की उम्मीद है. ऐसी उम्मीद इसलिए भी जाहिर की जा रही है, क्योंकि चालू साल 2021 के दौरान पूरे देश में मकानों की बिक्री में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके आधार पर रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों में इस बात की उम्मीद लगी है कि नए साल 2022 में इस सेक्टर में जोरदार मजबूती देखने को मिल सकती है.

2030 तक 1000 अरब डॉलर तक पहुंचेगा कारोबार

दअसल, साल 2021 के दौरान भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में पुनरुद्धार के लिए एक मजबूत नींव रखी गई, जिसके आधार पर इसका कारोबार 2030 तक 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. महामारी से पहले उद्योग का आकार करीब 200 अरब डॉलर का था. साल 2021 में उद्योग ने प्रतिष्ठित डेवलपर्स के प्रति मांग बढ़ने, समय से मकान तैयार करने, ग्राहकों द्वारा बड़े और अच्छे घरों की मांग और बिल्डरों द्वारा डिजिटल तकनीकों को तेजी से अपनाने जैसे कुछ रुझान देखने को मिले.

सरकार और बैंकों ने उठाए कारगर कदम

इसके साथ ही, इस साल के जनवरी-मार्च महीनों के दौरान घरों की बिक्री पहले के मुकाबले काफी मजबूत हुई. इसके लिए देश के सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ सरकार की ओर से भी ठोस कदम उठाए गए. बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरों में ऐतिहासिक कटौती की, सरकार की ओर से गरीबों को मकान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना को बढ़ावा दिया और कुछ राज्यों की ओर से स्टांप ड्यूटी में कटौती की गई.

हैदराबाद और चेन्नई में घरों की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

इसके साथ ही, घरों की कीमतों में बढ़ोतरी से भी देश के रियल एस्टेट सेक्टर को काफी मदद मिल रही है. घरों की कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में हैदराबाद दुनिया में 128वें स्थान पर है. नाइट फ्रैंक इंडिया की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की का इजमिर पहले स्थान पर है. वहां मकानों के दाम 34.8 फीसदी बढ़े हैं. उसके बाद 33.5 फीसदी की वृद्धि के साथ न्यूजीलैंड का वेलिंग्टन है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 की तीसरी तिमाही में वैश्विक स्तर पर 150 शहरों में घरों के दाम सालाना आधार पर औसतन 10.6 फीसदी बढ़े हैं. यह 2005 की पहली तिमाही के बाद कीमतों में सबसे तेज वृद्धि है. कीमतों में 2.5 फीसदी की वृद्धि के साथ हैदराबाद 128वें स्थान पर है. चेन्नई 2.2 फीसदी की वृद्धि के साथ 131वें, कोलकाता 1.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 135वें और अहमदाबाद 0.4 फीसदी की वृद्धि के साथ 139वें स्थान पर है.

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