Real Estate: 1,2 या 3 BHK? दिल्ली एनसीआर में होम बॉयर्स को क्या है सबसे अधिक पसंद, सर्वे में सामने आयी गजब बात
Real Estate: एनारॉक रिसर्च कंपनी ने जुलाई-दिसंबर 2023 तक ऑनलाइन सर्वे किया. इसमें पाया गया कि बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में 50 फीसदी होम बॉयर्स 3-बीएचके पसंद करते हैं.
Real Estate: अपना सपनों का घर खरीदना हर किसी की चाहत होती है. आमतौर पर लोग अपनी सेवानिवृति या उसके आसपास घर बनाने या फ्लैट खरीदने का काम करते थे. मगर अब ट्रेंड बदल गया है. लोग नौकरी की शुरुआत में ही सबसे पहले अपना घर खरीद रहे हैं. इसके साथ ही, लोग प्रोपर्टी की कीमतें बढ़ने के बावजूद बड़े अपार्टमेंट की तलाश कर रहे हैं. फिक्की-एनारॉक कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे (H2 2023) से पता चला है कि बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में 50 फीसदी होम बॉयर्स 3-बीएचके पसंद करते हैं. एनारॉक रिसर्च कंपनी ने जुलाई-दिसंबर 2023 तक ऑनलाइन सर्वे किया, जिसमें 5,510 प्रतिभागियों ने ईमेल कैंपेन, वेब लिंक और संदेशों सहित विभिन्न डिजिटल स्रोतों के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी है. ये सर्वे 14 शहरों में किया गया. सर्वेक्षण के दौरान प्रतिभागियों की आयु 22-76 वर्ष के बीच थी. इस सर्वे के निष्कर्ष 5 मार्च को दिल्ली में फिक्की रियल एस्टेट शिखर सम्मेलन में सामने आए.
Read Also: पोर्टफोलियो से लेकर टॉप होल्डिंग्स तक, जानें कौन हैं भारत की टॉप 5 महिला निवेशक
थ्री बीएचके बनी लोगों की पसंद
Real Estate की सर्वे में पाया गया है कि 50 फीसदी लोग 3 BHK चाहते थे, जबकि 38 फीसदी लोग 2 BHK के पक्ष में थे. हालांकि, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन और पुणे में ज्यादातर लोग अभी भी छोटे घर पसंद करते हैं. प्रोपर्टी की बढ़ती दरों के बावजूद बड़े अपार्टमेंट की मांग लगातार बनी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है, “बड़े अपार्टमेंट के लिए बढ़ती प्राथमिकता के अनुरूप 1.5 करोड़ रुपये की कीमत वाले लक्जरी घरों की मांग में भी तेजी आई है.” वहीं किफायती आवास की मांग और कम हो गई है. फिक्की-एनारॉक कंज्यूमर सेंटीमेंट (H2) सर्वे में वर्ष 2021 में यह मांग 25 फीसदी था जो वर्ष 2023 में 21 फीसदी तक पहुंच गया. वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 40 फीसदी था.
‘Real Estate में मांग के अनुरुप हो रही आपूर्ति’
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि बड़े घरों की आपूर्ति उनकी मांग के अनुरूप हो रही है. एनारॉक डेटा के अनुसार, शीर्ष सात शहरों में औसत फ्लैट का आकार पिछले साल सालाना 11 फीसदी बढ़ गया है जो 2022 में 1,175 वर्ग फुट था जो बढ़कर 2023 में 1,300 वर्ग फुट तक पहुंच गया. सर्वे से पता चला कि पहली बार लॉन्च हुए नए घरों की तुलना में रेडी-टू-मूव घरों की मांग कम है. सर्वे में छोटे और बड़े शहरों की ओर घर खरीदने वालों के बढ़ते रुझान पर प्रकाश डाला गया. यह उछाल कोविड-19 महामारी के बाद रिटर्न टू ऑफिस (आरटीओ) नीति के कारण आया है. वर्तमान सर्वे से पता चला है कि 30 फीसदी प्रतिभागियों ने घर खरीदने के लिए सब-अर्बन क्षेत्रों को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में चुना, जबकि 2021 में यह 25 फीसदी था. वर्तमान सर्वे में पिछले वर्षों की तुलना में घरों के भीतर अधिक खुली जगहों की इच्छा में वृद्धि देखी गई है. पहले, घर के अंदर उपयोग के लिए प्रत्येक वर्ग इंच का उपयोग करने पर अधिक ध्यान दिया जाता था. अब, 75 फीसदी प्रोपर्टी खरीदार बालकनी वाली प्रोपर्टी चाहते हैं. 74 फीसदी होम बॉयर्स बेहतर निर्माण गुणवत्ता पर जोर देते हैं.
कोविड के बाद बदला ट्रेंड
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि पिछले कुछ समय से गौर करें तो होम बायर्स बड़े घर को लेकर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. खासकर कोविड के बाद लोगों के कामकाज करने और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा जगह और एक्स्ट्रा कमरों की मांग कर रहे हैं. इंवेस्टमेंट में भी बायर्स बड़े घरों के ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं जिससे लग्जरी रियल एस्टेट में ज्यादा लॉन्च देखे गए हैं. डेवलपर्स भी अब इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में हाई रेंज वाली प्रोपर्टी की मांग और बढ़ेगी और छोटे घरों की मांग और बिक्री में और कमी आएगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.