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रीब्रांडिंग की तैयारी में फेसबुक, जुकरबर्ग बदलना चाहते हैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का चेहरा, ‘मेटावर्स’ पर फोकस

कंपनी की योजना अब एक नये नाम के साथ बाजार में आने की है. ‘द वर्ज’ के मुताबिक, नये नाम के साथ फेसबुक का मुख्य फोकस मेटावर्स पर रहेगा. वेबसाइट ‘द वर्ज’ के मुताबिक, फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग नाम बदलने की योजना को लेकर 28 अक्तूबर को कंपनी के कनेक्ट कॉन्फ्रेंस में चर्चा कर सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2021 1:16 PM

अपने कारोबारी तरीकों को लेकर दिक्कतों से जूझ रही दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक खुद को बदलने की तैयारी में है. रीब्रांडिंग के तहत कंपनी की योजना अब एक नये नाम के साथ बाजार में आने की है. ‘द वर्ज’ के मुताबिक, नये नाम के साथ फेसबुक का मुख्य फोकस मेटावर्स पर रहेगा. वेबसाइट ‘द वर्ज’ के मुताबिक, फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग नाम बदलने की योजना को लेकर 28 अक्तूबर को कंपनी के कनेक्ट कॉन्फ्रेंस में चर्चा कर सकते हैं.

हालांकि, फेसबुक के ऐप व सेवाएं अपने वर्तमान स्वरूप में जारी रह सकती है जो इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे अन्य ब्रांड्स के साथ एक पैरेंट कंपनी के तहत रहेंगी. इस प्रकार का बिजनेस स्ट्रक्चर गूगल का भी है जिसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट है. फेसबुक मेटावर्स को लेकर रीब्रांडिंग की यह पहल ऐसे समय में शुरू कर रही है जब नियामकों, लॉ-मेकर्स और एक्टिविस्ट्स इसके कारोबारी तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं.

फेसबुक पर ब्रिटेन में लगा 520 करोड़ रुपये का जुर्माना : ब्रिटेन के कॉम्पीटिशन रेगुलेटर ने अमेरिकी सोशल मीडिया दिग्गज द्वारा जीआइएफ प्लेटफॉर्म ‘जिफी’ की खरीद में अपनी जांच के दौरान लगाये गये आदेश का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक पर लगभग 520 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. फेसबुक इंक ने अमेरिकी सरकार द्वारा नागरिक दावों को निबटाने के लिए लगभग 105 करोड़ रुपये तक का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है कि सोशल मीडिया कंपनी ने अमेरिकी श्रमिकों के साथ भेदभाव किया.

  • कंपनी अपना सकती है गूगल का बिजनेस स्ट्रक्चर

  • 290 करोड़ यूजर्स हैं फेसबुक के दुनिया भर में

  • 32 करोड़ यूजर्स हैं अकेले भारत में

  • 86% यूजर्स कर रहे अपने कारोबार का प्रचार

  • 2700 करोड़ रुपये आमदनी थी 2020 की चौथी तिमाही में

मेटावर्स से बदल जायेगा सोशल मीडिया के इस्तेमाल का तरीका: मार्क जुकरबर्ग का मानना है कि फेसबुक का भविष्य मेटावर्स में है. मेटावर्स के जरिये इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका बदल जायेगा और कंप्यूटर के सामने बैठने की बजाय एक हेडसेट के जरिये आभासी दुनिया में घुस सकेंगे. यह काफी कुछ वीआर की तरह है जिसका इस्तेमाल अभी गेमिंग में होता है. हालांकि, वर्चुअल वर्ड का इस्तेमाल काम, खेल, कंसर्ट्स, सिनेमा ट्रिप्स या महज हैंग आउट के लिए भी किया जा सकता है. इसके लिए कंपनी आकुलस वर्चुअल रियलटी हेडसेट्स में भारी निवेश कर रही है.

Posted by: Pritish Sahay

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