आईटी इंडस्ट्री में मंदी के आसार, चौथी तिमाही में टीसीएस और इन्फोसिस के प्रदर्शन कमजोर
इन्फोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही आईटी कंपनियों के लिए मंद रहेगी, लेकिन इसका असर और सीमा अलग-अलग कंपनियों की प्रोफाइल और रणनीति पर निर्भर करेगा.
नई दिल्ली : सूचना तकनीक क्षेत्र (आईटी इंडस्ट्री) में मंदी के आसार नजर आ रहे हैं. चौथी तिमाही में आईटी इंडस्ट्री की दो प्रमुख कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस का प्रदर्शन कमजोर रहा है. विशेषज्ञों की मानें, तो फिलहाल एक-दो तिमाहियों तक आईटी इंडस्ट्री में कमजोरी का रुख बना रहेगा. इसके बाद ही स्थिति में कुछ सुधार होने की संभावना है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में आईटी इंडस्ट्री की प्रमुख दो कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस के तिमाही नतीजों के साथ आई प्रबंधन की टिप्पणी में सावधानी दिखाई दे रही है. खासकर, अमेरिकी बाजार में बीएफएसआई एवं तकनीकी सेवाओं को लेकर दोनों ही कंपनियां काफी सतर्क हैं.
चौथी तिमाही की मंदी का पड़ेगा गहरा प्रभाव
इन्फोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही आईटी कंपनियों के लिए मंद रहेगी, लेकिन इसका असर और सीमा अलग-अलग कंपनियों की प्रोफाइल और रणनीति पर निर्भर करेगा. उन्होंने अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिकी बाजार में अनिश्चितता कम होने की संभावना जताते हुए कहा कि नए ऑर्डर आने में 1-2 तिमाहियों का समय लगेगा. लिहाजा, अक्टूबर-नवंबर का समय बेहतर रहने की उम्मीद है.
टॉप आईटी कंपनियों का दुनिया में लोहा
हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय आईटी इंडस्ट्री अपने आकार, पैमाने और ताकत के मामले में ग्लोबल तकनीकी क्षेत्र में एक बड़ी ताकत है, यह बाजार की वास्तविकताओं को दर्शाएगा. आईटी इंडस्ट्री आज 200 अरब डॉलर निर्यात के साथ एक बड़ी ताकत है और टॉप पांच भारतीय आईटी कंपनियां वैश्विक बाजार में बड़ी भूमिका रखती हैं.
बड़ी आईटी कंपनियों की कमाई में नरमी
जेनपैक्ट के संस्थापक प्रमोद भसीन ने कहा कि बड़ी आईटी कंपनियों की कमाई में ‘नरमी’ कुछ तिमाहियों तक जारी रहने के बाद वापस पटरी पर आ सकती है. उन्होंने कहा कि बड़ी आईटी फर्मों की कमाई में नरमी कुछ तिमाहियों तक जारी रहने की संभावना है, क्योंकि कई उद्योग, विशेष रूप से तकनीक, पुनर्गठन और लागत में काफी नाटकीय रूप से कटौती की गई है. आईटी विशेषज्ञ और 5एफ वर्ल्ड मंच के चेयरमैन गणेश नटराजन ने कहा कि भारतीय आईटी के सबसे बड़े ग्राहक बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) रहे हैं, लेकिन इस खंड में सुस्ती के कारण अगली तीन-चार तिमाहियों तक वृद्धि कम हो सकती है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.