Recession in IT Sector: साल 2023 में कई टेक और आईटी कंपनियों में कर्मचारियों को छंटनी का सामना करना पड़ा. ये सिलसिला साल 2024 में भी जारी है. गूगल जैसी कंपनी ने भी हाल में अपने कर्मचारियों की संख्या में बड़ी कटौती करने की घोषणा की थी. पूरी दुनिया में आईटी इंडस्ट्री में ऐसी स्थिति बरकरार है. इस बीच भारतीय कंपनियों की स्थिति भी कुछ खास ठीक नहीं है. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि देश की तीन सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो में वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 64,000 कर्मचारी कम हुए हैं. दुनिया भर में कमजोर मांग और ग्राहकों के तकनीकी खर्च में कटौती के चलते इन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या घटी हैं. इस खबर के बाद, सोशल मीडिया पर आईटी सेक्टर में मंदी की आशंका को लेकर लगातार कमेंट कर रहे हैं. कई आईटी कर्मचारियों ने अपने कंपनी की स्थिति को लेकर चिंता भी जाहिर किया है.
विप्रो में कम हुए 24 हजार कर्मचारी
विप्रो ने शुक्रवार को अपनी चौथी तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा के दौरान कहा कि मार्च 2024 तक उसके कर्मचारियों की संख्या घटकर 2,34,054 रह गई, जो इससे एक साल पहले इसी महीने के अंत में 2,58,570 थी. इस तरह मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 24,516 की कमी आई. विप्रो के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सौरभ गोविल ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कमी मुख्य रूप से बाजार और मांग की दशाओं के साथ ही परिचालन दक्षता के कारण हुई. भारत का आईटी सेवा उद्योग वैश्विक व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के चलते दबाव महसूस कर रहा है.
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इंफोसिस में भी कम हुए वर्कर
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा निर्यातक इन्फोसिस ने कहा कि मार्च 2024 के अंत में उसके कुल कर्मचारियों की संख्या 317,240 थी, जो पिछले साल की समान अवधि में 343,234 थी. इस तरह कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 25,994 की कमी हुई. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस में भी कर्मचारियों की संख्या में 13,249 की गिरावट हुई और बीते वित्त वर्ष के अंत में इसके कुल 601,546 कर्मचारी थे.
(भाषा इनपुट के साथ)
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