नई दिल्ली : भारत में पिछले 9 सालों के दौरान रिकॉर्ड 17 करोड़ एलपीजी रसोई गैस बांटे गए हैं. इसके साथ ही, देश में रसोई गैस उपभोक्ताओं की संख्या दोगुनी होकर 31.26 करोड़ हो गई है. अब देश के लाखों परिवारों में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल होने लगा है. गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या अप्रैल, 2014 में 14.52 करोड़ थी, जो मार्च, 2023 में बढ़कर 31.36 हो गई.
उज्ज्वला योजना से उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी
सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि उपभोक्ताओं की संख्या में यह उल्लेखनीय बढ़ोतरी मुख्य रूप से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) की वजह से हुई है. इस योजना के चलते एलपीजी का दायरा 2016 के 62 फीसदी से बढ़कर 2022 में 104.1 फीसदी हो गया.
कभी हफ्ते भर में मिलता था सिलेंडर
एक समय था, जब नए एलपीजी कनेक्शन के लिए इंतजार करना पड़ता था. एलपीजी सिलेंडर सात से दस दिन में मिलता था. वहीं, अब रसोई गैस का कनेक्शन की जब जरूरत हो, तब मिल जाता है. इसके साथ ही, ज्यादातर स्थानों पर सिलेंडर भी एक दिन के भीतर पहुंच जाता है.
छोटू सिलेंडर
सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे उपभोक्ता जिनकी जरूरत कम है या खरीद क्षमता कमजोर है, उनके लिए सरकारी विक्रेताओं ने पांच किलोग्राम का छोटू सिलेंडर भी बाजार में उतारा है. यह परंपरागत 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर से अतिरिक्त है.
गरीबों को फ्री में गैस कनेक्शन
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, हर गरीब परिवार को रसोई गैस का फ्री कनेक्शन देने के लक्ष्य के साथ पीएमयूवाई की शुरुआत एक मई, 2016 को हुई थी और 30 जनवरी, 2023 तक इस योजना के तहत जारी कनेक्शन की संख्या 9.58 करोड़ पर पहुंच गई.
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10 अगस्त, 2021 से उज्ज्वला 2.0 की शुरुआत
बाकी बचे परिवारों को पीएमयूवाई के तहत लाने के लिए उज्ज्वला 2.0 की शुरुआत 10 अगस्त, 2021 को की गई थी, जिसका लक्ष्य अतिरिक्त एक करोड़ एलपीजी कनेक्शन देना था. यह लक्ष्य 31 जनवरी, 2022 को प्राप्त हो गया और बड़ी संख्या में आवेदनों को देखते हुए सरकार ने इसके तहत 60 लाख और कनेक्शन देने का फैसला लिया.
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