नयी दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) का रिकॉर्ड बनाया है. देश में चालू वित्त वर्ष में अग्रिम कर भुगतान में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके साथ व्यक्तिगत और कंपनी आय से कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 48 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. यह कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से प्रभावित अर्थव्यवस्था में निरंतर जारी आर्थिक पुनरोद्धार को दर्शाता है.
सीबीडीटी के चेयरमैन बोले- अब तक का सबसे ज्यादा कर संग्रह
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) के चेयरमैन जेबी महापात्र (JB Mahapatra) ने कहा है कि आयकर विभाग अपने इतिहास का ‘सबसे ज्यादा’ कर संग्रह (Highest Tax Collection) दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि आज की तारीख तक शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collection) 13.63 लाख करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले समान अवधि की तुलना में यह 48 प्रतिशत अधिक है.
आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है सीबीडीटी
उन्होंने कहा कि सालाना आधार पर शुद्ध संग्रह 2020-21 की समान अवधि से 48.4 प्रतिशत अधिक है. वर्ष 2019-20 की तुलना में यह 42.5 प्रतिशत और 2018-19 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है. महापात्र ने कहा, ‘यह पिछले सबसे ऊंचे आंकड़े से 2.5 लाख करोड़ रुपये ज्यादा है. विभाग के इतिहास में यह आयकर संग्रह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है.’ सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है.
कर संग्रह 13.63 लाख करोड़ रुपये
आधिकारिक बयान के अनुसार, शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 16 मार्च, 2022 तक 13.63 लाख करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले 2020-21 की इसी अवधि में यह 9.18 लाख करोड़ रुपये था. चालू वित्त वर्ष में शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह महामारी-पूर्व 2019-20 के 9.56 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है.
1.87 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया
इस श्रेणी में व्यक्तिगत आय पर कर, कंपनियों को होने वाले लाभ पर कर, संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर तथा उपहार कर शामिल हैं. बयान के अनुसार, अग्रिम कर संग्रह 40.75 प्रतिशत बढ़कर 6.62 लाख करोड़ रुपये रहा. इसकी चौथी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च थी. चालू वित्त वर्ष में कर वापसी (रिफंड) के रूप में कुल 1.87 लाख करोड़ रुपये जारी किये गये हैं.
प्रत्यक्ष कर 53 फीसदी
कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में करीब 53 प्रतिशत हिस्सेदारी कंपनी कर की रही. वहीं, 47 प्रतिशत योगदान व्यक्तिगत आयकर का है. इसमें शेयरों पर प्रतिभूति लेन-देन कर शामिल है. प्रत्यक्ष कर संग्रह वर्ष 2021-22 के बजट में निर्धारित 11.08 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से कहीं अधिक है. इतना ही नहीं, यह एक फरवरी को पेश 2022-23 के बजट में संशोधित अनुमान 12.50 लाख करोड़ से भी अधिक है.
डायरेक्ट टैक्स 48.41 फीसदी बढ़ा
बयान के अनुसार, ‘वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च, 2022 की स्थिति के अनुसार, 48.41 प्रतिशत बढ़कर 13,63,038.3 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले यानी 2020-21 की इसी अवधि में 9,18,430.5 करोड़ रुपये था.’ यह महामारी-पूर्व स्तर 2019-20 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 9,56,550.3 करोड़ रुपये के मुकाबले 42.50 प्रतिशत अधिक है. वहीं, 2018-19 के 10,09,982.9 करोड़ रुपये के मुकाबले 34.96 प्रतिशत अधिक है.
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में कंपनी कर की हिस्सेदारी 7,19,035.0 करोड़ रुपये रही, जबकि प्रतिभूति लेन-देन कर समेत व्यक्तिगत आयकर 6,40,588.3 करोड़ रुपये रहा. बयान के अनुसार, सकल रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड के समायोजन से पहले) 2021-22 में (16 मार्च, 2022 तक) 15,50,364.2 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 11,20,638.6 करोड़ रुपये था.
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2019-20 में 11,34,706.3 करोड़ रुपये और 2018-19 में 11,68,048.7 करोड़ रुपये था. बयान के अनुसार, संचयी रूप से अग्रिम कर संग्रह 2021-22 में 16 मार्च, 2022 तक 6,62,896.3 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 2020-21 की इसी अवधि में 4,70,984.4 करोड़ रुपये था. यह 2019-20 में 4,40,281.4 करोड़ रुपये के मुकाबले 50.5 प्रतिशत अधिक है. वहीं 2018-19 के 5,06,714.2 करोड़ रुपये के मुकाबले 31 प्रतिशत अधिक है.
Posted By: Mithilesh Jha
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