रिलायंस की नजर 50 हजार करोड़ के मिठाई बाजार पर, बनेगा देश का सबसे बड़ा मल्टी ब्रांड हलवाई
पारंपरिक हलवाइयों की दुकानों पर भीड़ बहुत लगती थी, पर देश के मिठाई बाजार तक उनकी पहुंच नहीं थी. ऊपर से नकली मावा से जुड़ी खबरों ने हलवाइयों की कमर तोड़ दी थी. रिलायंस रिटेल के साथ मिल पारंपरिक हलवाई अब क्षेत्रीय बाजारों से निकल अपनी विशिष्ट मिठाइयों के जरिये देश भर के ग्राहकों का स्वाद बढ़ा रहे हैं.
-
इस दिवाली छोटे हलवाइयों की हो रही बंपर सेल, रिलायंस रिटेल बना पार्टनर
-
चॉकलेट की तरह बिकेगी मिठाई, सिंगल-सर्व पैक लायेगा रिलायंस रिटेल
-
बिक्री बढ़ाने को स्टोर्स में लगाये स्पेशल डिस्पले रैक
मिठाई के शौकीनों के लिए खुशखबरी है. अब रिलायंस रिटेल स्टोर्स पर देश के 50 से भी अधिक प्रसिद्ध हलवाइयों की मिठाइयां मिलनी शुरू हो गई हैं. भारतीय पारंपरिक पैक्ड मिठाई बाजार लगभग 4,500 करोड़ रुपये का है और अगले कुछ वर्षों में इसके 13 हजार करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. जबकि अंसगठित मिठाई बाजार करीब 50 हजार करोड़ का माना जाता है. इस हिसाब से संगठित मिठाई बाजार में कमाई का बहुत बड़ा मौका है, जिससे रिलायंस चूकना नहीं चाहता.
पारंपरिक हलवाइयों की दुकानों पर भीड़ तो बहुत लगती थी, पर देश के मिठाई बाजार तक उनकी पहुंच नहीं थी. ऊपर से नकली मावा और शुद्धता से जुड़ी नेगेटिव खबरों ने हलवाइयों की कमर तोड़ दी थी. रिलायंस रिटेल के साथ मिलकर ये प्रसिद्ध और पारंपरिक हलवाई अब क्षेत्रीय बाजारों से निकल कर अपनी विशिष्ट मिठाइयों के जरिये देशभर के ग्राहकों का स्वाद बढ़ा रहे हैं. सदाबहार डिब्बाबंद रसगुल्लों और गुलाब जामुन का जमाना तो हमेशा रहेगा पर उसके साथ हलवाई अब पैक्ड मिठाई के साथ भी कई नये प्रयोग कर रहे हैं.
Also Read: Reliance Retail New Store: मुकेश अंबानी की कंपनी का बड़ा दांव, लॉन्च किया प्रीमियम फैशन स्टोर AZORTE
अजमेर के चवन्नीलाल हलवाई की कहानी भी देश के मशहूर लेकिन सीमित बाजार में काम करने वाले हजारों हलावाइयों जैसी ही थी. दुकान के बाहर सुबह से ही खरीददारों की लाइन लग जाती है. आमदनी भी ठीक-ठाक होती है, परंतु एक दुकान से आखिर कितने ग्राहकों की भूख मिटायी जा सकती है. चवन्नीलाल सरीखे हलवाइयों की मिठाई और नमकीन की शेल्फ लाइफ बढ़े और ग्राहकों को एकदम ताजा मिठाइयां मिले, इसके लिए रिलायंस रिटेल पारंपरिक हलवाइयों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
चवन्नीलाल की नयी पीढ़ी 70 साल पुरानी दुकान की मिठाइयों और नमकीन को अजमेर की गलियों से निकाल कर देश के कोने-कोने में पहुंचाना चाहती हैं. कारोबार संभाल रहे 34 वर्षीय हितेश कहते हैं कि हमारे पास कई बड़े प्रतिष्ठानों से रिटेल आउटलेट खोलने के प्रस्ताव आये हैं, लेकिन इस कारोबार में बहुत अधिक पूंजी लगती है. रिलायंस के साथ पार्टनरशिप के बाद से हमारी बिक्री दोगुनी हो गई है, क्योंकि कंपनी ने हमें ऑटोमेशन और बड़े पैमाने पर उत्पादन की जानकारी दी है. हमारी दुकान को रिलायंस रिटेल ने एक राष्ट्रीय दुकान बना दिया है.
मशहूर मिठाइयों में कलेवा का ‘तिल बेसन लड्डू, घसीटाराम का ‘मुंबई हलवा’, प्रभुजी का ‘दरबेश लड्डू और मेथीदाना लड्डू’, दूध मिष्टन भंडार (डीएमबी) का ‘मालपुआ’ और लाल स्वीट्स का मैसूर पाक और धारवाड़ पेड़ा रिलायंस रिटेल के स्टोर्स पर उपलब्ध है. चवन्नीलाल हलवाई का मशहूर कचौरा और चॉकलेट बर्फी जल्द ही रिलायंस स्टोर पर दिखाई देगी.
रिलायंस रिटेल के गॉसरी रिटेल के सीईओ दामोदर मल्ल ने कहा, हम भारत में सबसे बड़ा मल्टी-ब्रांड हलवाई बनना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि पारंपरिक मिठाइयां किसी खास इलाके में सिमटकर न रह जाएं. ये देश के कोने-कोने में पहुंचें. जैसे पश्चिम बंगाल और उड़ीसा का रसगुल्ला तमिलनाडु के ग्राहक का मुंह मीठा कर सकता है.
पारंपरिक मिठाइयों की बिक्री बढ़े, इसके लिए रिलायंस रिटेल ने स्टोर्स में मल्टिपल बे और फ्री स्टैंडिंग यूनिट्स बनायी हैं. यह कुछ कुछ वैसा ही है, जैसा कि चॉकलेट बेचने के लिए रिटेल स्टोर्स करते हैं. रिलायंस रिटेल क्षेत्रीय मिठाई निर्माताओं को सिंगल-सर्व पैक विकसित करने में भी मदद कर रहा है. मतलब अगर ग्राहक चाहे तो घाना की डार्क चॉकलेट की जगह देसी मैसूर पाक या लड्डू का एक छोटा पैक खरीद सकता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.