नयी दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने बुधवार को देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा राइट इश्यू जारी कर दिया है, लेकिन बहुत कम लोगों को ही यह पता होगा कि आरआईएल का यह मेगा राइट्स इश्यू सही मायने में बाजार विनियामक सेबी के नये कारोबारी प्लेटफॉर्म असली परीक्षा के दौर से भी गुजर रहा है. दरसअल, आपको बता दें कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वर्ष 2020 की शुरुआत में ही एक नया कारोबारी प्लेटफॉर्म की शुरआत किया था. बाजार विनियामक ने इस प्लेटफॉर्म के जरिये राइट्स इश्यू के योग्य शेयरधारकों के शेयर बेचने की सुविधा प्रदान कर रहा है, जिसे कारोबारी भाषा में आरई (RE) या राइट एनटाइटलमेंट भी कहा जाता है यानी राइट्स इश्यू के जरिये खरीदे के शेयरों को बेचने का अधिकार प्राप्त करना. खुलने के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज का मेगा राइट्स इश्यू सेबी के प्लेटफॉर्म पर फिलहाल इसी परीक्षा के दौर से गुजर रहा है. आइए, जानते हैं…
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रिलायंस और सेबी के लिए परीक्षा की घड़ी : आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मेगा राइट्स इश्यू जारी करने के बाद अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज सेबी के नये कारोबारी प्लेटफॉर्म पर परीक्षा की घड़ी से गुजर रहा है, तो सेबी भी अग्नि परीक्षा दे रहा है. वजह ये है कि सेबी का यह नया प्लेटफॉर्म दोनों के लिए (कंपनी और बाजार विनियामक) नया है. रिलायंस के राइट्स इश्यू से बाजार विनियामक ने अपने इस प्लेटफॉर्म पर शेयरधारकों को आरई की सुविधा प्रदान कर रहा है, तो कंपनी ने भी पहली दफा इस नये प्लेटफॉर्म के जरिये अपना इश्यू बेच रही है. इसकी सफलता में ही दोनों की सफलता जुड़ी है.
जानिए क्या है आरई और कब हुई शुरुआत : दरअसल, बाजार विनियामक सेबी का यह प्लेटफॉर्म बिना किसी आवेदन के राइट्स इश्यू खरीदने के इच्छुक शेयरधारकों को एक प्रकार का अधिकार प्रदान करता है. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी कंपनी का राइट इश्यू जारी होने के बाद जो शेयरधारक राइट्स इश्यू के लिए आवेदन नहीं करना चाहते थे, उनको अपने राइट एनटाइटलमेंट यानी आरई से वंचित होना पड़ता था या फिर उन्हें वह शेयर किसी को मुफ्त में ट्रांसफर करना पड़ता था. सेबी के इस प्लेटफॉर्म के जरिये राइट्स इश्यू जारी किये जाने के बाद अब शेयरधारकों को पहले वाली प्रक्रिया के दौर से गुजरना नहीं पड़ेगा. रिलायंस के राइट्स इश्यू के साथ ही सेबी के आरई कारोबार की भी शुरुआत हुई है और योग्य शेयरधारक अब अपने आरई को बेच भी सकेंगे. हालांकि, सेबी यह कारोबार 29 मई को बंद कर दिया जाएगा, लेकिन रिलायंस के राइट्स इश्यू में आवेदन की अंतिम तिथि 3 जून रहेगी.
29 मई को ही क्यों बंद होगा सेबी का नया प्लेटफॉर्म : आपको यह जानकर हैरानी हो रही होगी कि सेबी आरई बेचने के लिए अपने नये प्लेटफॉर्म को 29 मई को ही बंद कर देगा, जबकि कंपनी के राइट्स इश्यू खरीदने के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 3 जून है? तो इसकी भी एक वजह है और वह यह कि शेयरधारकों के आरई का निपटान करने में सेबी को भी कुछ वक्त लगता है. कंपनी के राइट्स इश्यू के लिए शेयरधारक 3 जून तक आवेदन करेंगे, लेकिन आरई की बिक्री 29 मई तक ही हो सकेगी. सेबी ने आरई की कारोबारी बारीकियों और उसकी प्रणाली को तैयार कर लिया है. इसके निपटान के लिए नयी अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या यानी आईएसआईएन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिक महत्वपूर्ण है.
जानिए, क्या होता है किसी कंपनी का राइट्स इश्यू : दरअसल, शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए अक्सर राइट्स इश्यू जारी करती हैं. इसके जरिये कंपनियां अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती हैं. राइट्स इश्यू के तहत शेयरधारक एक निश्चित अनुपात में अतिरिक्त शेयर खरीद सकते हैं. यह अनुपात कंपनी की ओर से तय किया जाता है.
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