Reliance vs SEBI: देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और बाजार नियामक सेबी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. मामला दो दशक पुराना है और स्टॉक आवंटन से संबंधित है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सेबी को रिलायंस को कुछ दस्तावेज मुहैया कराने का आदेश दिया था.
वहीं, रिलायंस का कहना है कि बाजार नियामक ने उसे दस्तावेज मुहैया नहीं कराये हैं. इसने सेबी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि बाजार नियामक जानबूझकर ऐसा कर रहा है.
मुकेश अंबानी की कंपनी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब सेबी भी सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की तैयारी कर रहा है. मामला 2002 का है जब एस गुरुमूर्ति ने रिलायंस के खिलाफ सेबी से शिकायत की थी.
5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को रिलायंस को कुछ दस्तावेज मुहैया कराने का आदेश दिया था. तीन दिन बाद यानी 8 अगस्त को रिलायंस ने सेबी को पत्र लिखकर तीन दस्तावेजों की कॉपी मांगी. 12 अगस्त को सेबी ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रहा है.
इसके बाद 16 अगस्त को रिलायंस ने फिर से दस्तावेज मांगे. 18 अगस्त को सेबी ने कहा कि वह अपने वकील की सलाह का इंतजार कर रहा है. 20 अगस्त को रिलायंस ने सेबी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी. रिलायंस ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी पत्र लिखकर मांग की है कि इस मामले की सोमवार को तत्काल सुनवाई की जाए.
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