राहत: सितंबर में महंगाई पांच माह में सबसे कम, अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 11.9 फीसदी बढ़ा

औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गयी, तो खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में कम होकर पांच महीने के निम्न स्तर 4.35 प्रतिशत पर आ गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2021 11:01 PM

नयी दिल्ली: लगातार बढ़ती महंगाई (Inflation) के लिए आलोचना झेल रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर है. सितंबर के महीने में महंगाई पांच माह में सबसे कम रही, तो अगस्त के महीने में औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) में 11.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. इसे देश की अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे पटरी पर लौटने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

औद्योगिक उत्पादन (IIP) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गयी, तो खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) सितंबर में कम होकर पांच महीने के निम्न स्तर 4.35 प्रतिशत पर आ गयी. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन सुधरा है और यह कोरोना महामारी-पूर्व के अगस्त, 2019 के स्तर को पार कर गया है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को जो आंकड़े जारी किये, उसके अनुसार, अगस्त में देश के औद्योगिक उत्पादन में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. निम्न तुलनात्मक आधार तथा विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. इन क्षेत्रों का उत्पादन कोविड-पूर्व स्तर को पार कर गया है.

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औद्योगिक उत्पादन में 77.63 प्रतिशत भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही. इस दौरान खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 प्रतिशत तथा बिजली क्षेत्र का 16 प्रतिशत बढ़ा. अगस्त, 2020 में औद्योगिक उत्पादन 7.1 प्रतिशत घटा था.

आंकड़े के अनुसार, अगस्त, 2021 में आईआईपी 131.1 अंक रहा, जो पिछले साल समान महीने में 117.2 अंक रहा था. अगस्त, 2019 में यह 126.2 अंक था. चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में आईआईपी में 28.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आईआईपी में 25 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है. उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

निवेश का संकेतक माने जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त, 2021 में 19.9 प्रतिशत बढ़ा है. एक साल पहले समान महीने में यह 14.4 प्रतिशत घटा था. अगस्त, 2021 में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन आठ प्रतिशत बढ़ा, जबकि अगस्त, 2020 में यह 10.2 प्रतिशत घटा था.

इसी तरह गैर-टिकाऊ सामान क्षेत्र का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी थी. दूसरी तरफ, सब्जी और अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर पांच महीने के निम्न स्तर 4.35 प्रतिशत पर आ गयी मुद्रास्फीति अगस्त में 5.3 प्रतिशत तथा सितंबर, 2020 में 7.27 प्रतिशत थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही. यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है. सब्जी की महंगाई दर में सितंबर में 22.47 प्रतिशत की कमी आयी, जबकि अगस्त में इसमें 11.68 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

ये चीजें हुईं सस्ती

फल, अंडा, मांस और मछली तथा दाल एवं उत्पादों के मामले में कीमत वृद्धि की दर नरम रही. हालांकि, ईंधन और प्रकाश के मामले में मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 13.63 प्रतिशत हो गयी, जो अगस्त में 12.95 प्रतिशत थी.

अर्थशास्त्रियों की भी सुनें

इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगस्त में 5.3 प्रतिशत के मुकाबले सितंबर, 2021 में खुदरा महंगाई दर के कम होकर 4.35 प्रतिशत पर आना उल्लेखनीय है और यह इक्रा के अनुमान से बेहतर है. मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से महंगाई दर कम हुई है. इसके अलावा आवास क्षेत्र का भी कुछ योगदान है.

आईडीएफसी एएमसी में कोष प्रबंधक और अर्थशास्त्री श्रीजीत बालासुब्रमण्यम ने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट का प्रमुख कारण खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में नरमी है. हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति 5.8 प्रतिशत पर बनी हुई है. आरबीआई ने वर्ष 2021-22 के लिए सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By: Mithilesh Jha

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