RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, रेपो रेट 6.50% पर बरकरार, जानें शक्तिकांत दास ने क्या कहा
RBI Repo Rate News: मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रुपया इस साल जनवरी से स्थिर है. जानें रिजर्व बैंक के गवर्नर ने और क्या कहा
Repo Rate News : रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि MPC (मौद्रिक नीति समिति) ने नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है.
MPC (Monetary Policy Committee) decided to keep the policy repo rate unchanged at 6.5%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/Se8GDvCvPy
— ANI (@ANI) June 8, 2023
मु्द्रास्फीति की स्थिति पर लगातार और नजदीकी नजर रखना जरूरी
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति उदार नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी. मु्द्रास्फीति की स्थिति पर लगातार और नजदीकी नजर रखना अत्यंत जरूरी है. भू-राजनीतिक स्थिति की वजह से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार घटेगी. उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर है. इसके पूरे साल के दौरान लक्ष्य से ऊपर रहने का अनुमान है. मुद्रास्फीति को तय दायरे में बनाए रखने के लिए एमपीसी त्वरित और उचित नीतिगत कार्रवाई जारी रखेगी.
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ग्रामीण मांग बेहतर
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आरबीआई को उम्मीद है कि जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आठ प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहेगी. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत किया है. घरेलू मांग की स्थिति वृद्धि के लिए सहायक बनी हुई है, ग्रामीण मांग बेहतर हो रही है.
भारतीय रुपया इस साल जनवरी से स्थिर
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपया इस साल जनवरी से स्थिर है. उन्होंने कहा कि चालू खाते का घाटा चौथी तिमाही में और नीचे आएगा. यह काफी हद तक प्रबंधन के दायरे में रहेगा.
ई-रुपया वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला
आरबीआई ने ई-रुपया वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है. गैर-बैंकिंग कंपनियों को इस तरह के साधन जारी करने की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बैंकों को ‘रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड’ जारी करने की अनुमति दी.
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