Loading election data...

पद्म भूषण से सम्मानित होंगे गूगल के सीइओ सुंदर पिचाई, पिता की एक साल की सैलरी खर्च कर पहुंचे थे अमेरिका

गूगल के साथ सुंदर पिचाई का सफर 2004 में शुरू हुआ. जब पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने गूगल ज्वाइन किया. कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती. सुंदर पिचाई ने भी इसी कहावत को चरितार्थ किया. गूगल से जुड़ने के बाद उन्होंने गूगल क्रोम और गूगल टूलबार विकसित करने में अहम भूमिका निभाई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2022 8:46 AM

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को आज कौन नहीं जानता. तकनीक की दुनिया का यह चमकता सितारा आज किसी के परिचय का मोहताज नहीं है. 73 वें गणतंत्र दिवस के पद्म भूषण अवार्ड पाने वालों की लिस्ट में सुंदर पिचई का भी नाम शामिल है. सुंदर पिचई के अलावा माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला को भी यह पुरस्कार दिया जा रहा है. बता दें, पद्म विभूषण भारत रत्न के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है.

सुंदर पिचाई भारत मूल के अमेरिकी नागरिक हैं. उनका जन्म तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुंदर पढ़ाई में शुरू हो ही होशियार थे. उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया. आगे की पढ़ाई उन्होंने विदेशों में की. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस करने के बाद सुंदर पिचई ने व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया.

गूगल के साथ सुंदर पिचाई का सफर 2004 में शुरू हुआ. जब पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने गूगल ज्वाइन किया. कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती. सुंदर पिचाई ने भी इसी कहावत को चरितार्थ किया. गूगल से जुड़ने के बाद उन्होंने गूगल क्रोम और गूगल टूलबार विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. गूगल क्रोम देखते ही देखते दुनिया का सबसे प्रसिद्ध इंटरनेट ब्राउजर बन गया. सुंदर की प्रतिभा को भी चार चांद लग गये.

इसके बाद सुंदर पिचाई ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपनी लगन और उन्नत दिमाग के कारण गूगल में उनकी धाक जमती चली गई. उन्होंने टूलबार और क्रोम के अलावा गूगल के लिए कई लोकप्रिय प्रॉडक्ट्स जैसे डेस्कटॉप सर्च, गूगल पैक, गैजेट्स, फायरफॉक्स एक्सटेंशन आदि लांच किए. एक ऐसा भी वक्त आया की बड़े-बड़े फैसले लेने के लिए सुंदर पिचाई की भी राय ली जाने लगी. 2015 में उन्हें दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल का सीईओ बना दिया गया.

सुंदर पिचाई आज भले ही दुनिया की सबसे दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के सीईओ बन गए हैं. लेकिन एक ऐसा भी समय था जब सुंदर पिचई के पास पैसों का घोर अभाव था. एक बार उन्होंने खुद कहा था कि विदेश (अमेरिका) भेजने के लिए उनके पिता को अपनी एक साल की पूरी सैलरी खर्च करनी पड़ी थी. लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सुंदर पिचई ने आज वो मुकाम हासिल कर लिया है जो सभी के लिए प्रेरणा है.

Posted by: Pritish Sahay

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version