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रिसर्च में बड़ा खुलासा : जीरो बैलेंस खातों से एसबीआई ने कमाए 300 करोड़ रुपये, ग्राहकों को लगाया चुपके से चपत

शोध में यह पाया गया है कि बुनियादी बचत बैंक खाता ( बीएसबीडीए) के खाताधारकों से चार बार से ज्यादा पैसे निकालने पर 17.70 रुपये का शुल्क लिया गया. इस शोध में बताया गया सिर्फ पांच सालों में एसबीआई ने इनसे 300 करोड़ रुपये की कमाई की है. चार के बाद कभी भी एटीएम से पैसे निकालने पर पैसे काटे गये . 12 करोड़ बीएसबीडी एकाउंट होल्डर्स पर सर्विस चार्जेज लगाकर एसबीआई ने यह पैसे कमाये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2021 10:01 AM

आईआईटी बांबे ने एक शोध में यह स्पष्ट कर दिया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई दूसरे बैंक देश में कई सुविधाओं के लिए एक्साइज चार्ज ले रहे हैं. ये सुविधाएं जीरो बैलैंस और बेसिक सेविंग अकाउंट (BSBDA) के तहत अकाउंट खुलवाने वालों से भी ली जा रही है.

शोध में यह पाया गया है कि बुनियादी बचत बैंक खाता ( बीएसबीडीए) के खाताधारकों से चार बार से ज्यादा पैसे निकालने पर 17.70 रुपये का शुल्क लिया गया. इस शोध में बताया गया सिर्फ पांच सालों में एसबीआई ने इनसे 300 करोड़ रुपये की कमाई की है. चार के बाद कभी भी एटीएम से पैसे निकालने पर पैसे काटे गये . 12 करोड़ बीएसबीडी एकाउंट होल्डर्स पर सर्विस चार्जेज लगाकर एसबीआई ने यह पैसे कमाये हैं.

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इसमें सिर्फ एसबीआई का नाम नहीं है कई दूसरे बैंक भी इसमें शामिल हैं जैसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक पीएनबी इसने इसी अवधि में 3.9 करोड़ गरीब खाताधारकों से 9.9 करोड़ रुपये वसूले. एसबीआई के पास ज्यादा आय इसलिए हुई क्योंकि उसके पास प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत सबसे ज्यादा अकाउंट है. कई एक्सपर्ट इस सेवा शुल्क के नाम पर काटे जा रहे पैसे का विरोध करते हुए कहते हैं, इस तरह शुल्क वसूलना रिजर्व बैंक के नियम का सुनियोजित उल्लंघन करता है.

सितंबर 2013 में ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया था कि ग्राहकों के पास एक महीने में चार बार से ज्यादा पैसे निकालने का अधिकार होगा इस पर वसूली नहीं की जा सकेगी. अनिवार्य मुफ्त बैंकिंग सेवा के अलावा बीएसबीडीए में जबतक खाता है बैंक अपनी मर्जी से किसी अतिरिक्त मूल्य संवर्धित सेवाओं के लिए भी किसी कोई शुल्क नहीं वसूल सकता.

इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री जनधन योजना का भी जिक्र किया गया है जिसमें सारे नियमों की भी जानकारी दी गयी है. इसमें बताया गया है कि नियमों का उल्लंघन करके इस तरह पैसे नहीं बनाये जा सकते. एसबीआई ने डिजिटल लेनदेन की सेवा से भी पैसे कटौती करके पैसे कमाये हैं .

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आईडीबीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने 1 जनवरी, 2021 से यूपीआई/भीम/आईएमपीएस/एनईएफटी और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर प्रत्येक लेनदेन पर 20 रुपये शुल्क लगाने को उचित करार दिया था.

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