ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाती है आरबीआई की टोकन व्यवस्था, जाने क्या है टोकनाइजेशन…

टोकन व्यवस्था का मकसद भुगतान प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत बनाना है. इस व्यवस्था के तहत ग्राहक के कार्ड का ब्यौरा देने की बजाय कोड ब्योरा सृजित किया जाता है जिसे टोकन कहते हैं और उसी के आधार पर पेमेंट होता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2021 10:27 PM

आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने भुगतान की व्यवस्था को सुरक्षित और दुरुस्त करने के लिए टोकनाइजेशन की व्यवस्था को और मजबूत करने पर बल दिया है. इसके तहत अब भुगतान के लिए कार्ड का विवरण देना जरूरी नहीं होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)ने कुछ दिन पहले भुगतान प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए टोकन व्यवस्था के दायरे में लैपटॉप, डेस्कटॉप, हाथ घड़ी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित उत्पादों आदि को शामिल किया था.

Also Read: पाकिस्तान के इशारे पर मुल्ला हसन अखुंद को बनाया गया तालिबान सरकार में हेड ऑफ स्टेट
क्या है टोकन व्यवस्था

टोकन व्यवस्था का मकसद भुगतान प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत बनाना है. इस व्यवस्था के तहत ग्राहक के कार्ड का ब्यौरा देने की बजाय कोड ब्योरा सृजित किया जाता है जिसे टोकन कहते हैं और उसी के आधार पर पेमेंट होता है. इसका लाभ यह होता है कि पेमेंट लेने वाले के पास ग्राहक के कार्ड का कोई ब्यौरा सुरक्षित नहीं होता है, इससे धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती है.

गौरतलब है कि आरबीआई ने 2019 में कार्ड लेन-देन की टोकन व्यवस्था के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया था. इसके तहत अधिकृत कार्ड नेटवर्क को अनुरोध पर टोकन सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी गयी थी, जो कुछ शर्तों पर निर्भर है. आरबीआई ने यह व्यवस्था को और दुरुस्त करने की बात को दोहराया है.

Posted By : Rajneesh Anand

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version