RBI: रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को किया आगाह, गलती से भी किया ये काम तो होंगे बहुत परेशान, जानें डिटेल

RBI: केंद्रीय बैंक पहले भी इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर जनता को आगाह कर चुका है. आरबीआई ने कहा कि केवाईसी दस्तावेज या उनकी प्रतियां अज्ञात या गैर-सत्यापित व्यक्तियों या संगठनों के साथ साझा न करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2024 11:17 AM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को जनता को केवाईसी अद्यतनीकरण के नाम पर धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया और अज्ञात इकाइयों के साथ दस्तावेज साझा नहीं करने की सलाह दी. ‘अपने ग्राहक को जानो’ (KYC) अद्यतनीकरण के नाम पर ग्राहकों के धोखाधड़ी का शिकार होने की लगातार घटनाओं और रिपोर्टों के मद्देनजर आरबीआई ने जनता से नुकसान को रोकने और ऐसी दुर्भावनापूर्ण प्रथाओं से खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतने और उचित देखभाल करने का आग्रह किया.

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शेयर न करें पिन-पासवर्ड

केंद्रीय बैंक पहले भी इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर जनता को आगाह कर चुका है. आरबीआई ने कहा कि केवाईसी दस्तावेज या उनकी प्रतियां अज्ञात या गैर-सत्यापित व्यक्तियों या संगठनों के साथ साझा न करें. बैंक ने कहा कि खाता लॉगिन क्रेडेंशियल, कार्ड की जानकारी, पिन, पासवर्ड, ओटीपी भी किसी के साथ साझा न करें. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी के लिए आमतौर पर ग्राहकों को फोन कॉल, एसएमएस, ईमेल सहित अनचाहे संचार भेजे जाते हैं और इनके जरिए ग्राहकों से व्यक्तिगत जानकारी लेने या संदिग्ध ऐप डाउनलोड कराने की कोशिश की जाती है.

बजाज हाउसिंग फाइनेंस पर लगाया जुर्माना

रिजर्व बैंक ने कुछ नियामक प्रावधानों का अनुपालन न करने पर बजाज हाउसिंग फाइनेंस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि यह जुर्माना गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2021 के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है. बयान के अनुसार, 31 मार्च, 2022 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा इसका वैधानिक निरीक्षण किया गया था.

ग्राहक नहीं होंगे प्रभावित

आरबीआई ने कहा कि पुणे की कंपनी ने प्रबंधन में बदलाव के लिए आरबीआई से पूर्व लिखित अनुमति नहीं ली. इस बदलाव के तहत स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक बदल गए. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.

(भाषा इनपुट)

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