RBI on Personal Loan: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक आदेश ने पर्सनल लोन लेने वालों की परेशानी को बढ़ा दिया है. शीर्ष बैंक ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज से जुड़े नियमों को कड़ा कर दिया है. रिजर्व बैंक ने जोखिम भार में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है. हालांकि, बैंक ने ग्राहकों को थोड़ी राहत देते हुए बताया कि संशोधित नियम होम लोन, शिक्षा और वाहन लोन सहित कुछ उपभोक्ता कर्ज पर लागू नहीं होंगे. इसके अलावा यह नियम सोने और सोने के आभूषणों के एवज में दिये गये कर्ज पर भी लागू नहीं होगा. इन कर्जों पर 100 प्रतिशत जोखिम भारांश लागू रहेगा. दूसरे शब्दों ने रिजर्व बैंक ने लोन में रिस्क फैक्टर को सख्त कर दिया है. गौरतलब है कि इसका संकेत रिजर्व बैंक की मैद्रिक समीक्षा बैठक के बाद ही मिल गया है. इस बैठक के बाद, शीर्ष बैंक में देश में असुरक्षित कर्ज और हाई रिस्क लोन को लेकर काफी चिंता जाहिर की थी. उच्च जोखिम भार का मतलब है कि जब असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज की बात आती है तो बैंकों को अलग से ज्यादा राशि का प्रावधान करना होगा.
RBI गवर्नर ने ऋण में वृद्धि पर जाहिर की थी चिंता
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में उपभोक्ता कर्ज की श्रेणी में कुछ ऋण में अधिक वृद्धि की बात कही थी. उन्होंने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को अपनी आंतरिक निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने, बढ़ते जोखिमों से निपटने तथा अपने हित में उपयुक्त सुरक्षा कदम उठाने की सलाह दी थी. उन्होंने जुलाई और अगस्त में क्रमश: प्रमुख बैंकों और बड़े एनबीएफसी के प्रबंध निदेशकों/मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान उपभोक्ता कर्ज में उच्च वृद्धि और बैंक उधार पर एनबीएफसी की बढ़ती निर्भरता का भी जिक्र किया था. आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि समीक्षा के आधार पर व्यक्तिगत कर्ज सहित वाणिज्यिक बैंकों (बकाया और नये) के उपभोक्ता कर्ज के मामले में जोखिम के संबंध में जोखिम भार बढ़ाने का फैसला गया है. इसके तहत जोखिम भार को 25 प्रतिशत बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया गया है. हालांकि, इसमें आवास ऋण, शिक्षा कर्ज, वाहन कर्ज और सोना तथा स्वर्ण आभूषण के आधार पर लिये गये कर्ज को शामिल नहीं किया गया है. केंद्रीय बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी के लिये कर्ज प्राप्तियों पर जोखिम भार को भी 25 प्रतिशत बढ़ाकर क्रमशः 150 प्रतिशत और 125 प्रतिशत कर दिया है.
आरबीआई ने एक्सिस बैंक, मणप्पुरम फाइनेंस पर लगाया जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने उसके कुछ निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर एक्सिस बैंक पर 90.92 लाख रुपये और सोने के बदले कर्ज देने वाली कंपनी मणप्पुरम फाइनेंस पर 42.78 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने यह जुर्माना ‘भारतीय रिजर्व बैंक (केवाईसी) दिशानिर्देश, 2016’, कर्ज – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध, बैंकों के वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्स करने को लेकर जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता तथा चालू खाता खोलने एवं संचालन के लिये आचार संहिता पर जारी कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर लगाया है. केंद्रीय बैंक ने दो नवंबर, 2023 को एक आदेश में कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने पर एक्सिस बैंक लिमिटेड पर 90.92 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया. इसमें कहा गया है कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य बैंक का अपने ग्राहकों के साथ किये गये किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई निर्णय सुनाना नहीं है. आरबीआई ने एक अलग बयान में कहा कि उसने त्रिशूर स्थित मणप्पुरम फाइनेंस पर 42.78 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण जमा नहीं लेने वाली और जमा लेने वाली कंपनी (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिये लगाया गया है. शीर्ष बैंक ने अपने ग्राहक को जानें दिशानिर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने के लिये आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड पर भी 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
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