Loading election data...

RBI Policy: लोन की EMI घटेगी, बचेंगे ज्यादा पैसे; कर्ज लेनेवालों को रिजर्व बैंक ने दी राहत

RBI पिछले साल मई से लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रहा है. हालांकि, अप्रैल में हुई एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई थी. रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से सभी प्रकार के लोन महंगे हो गए हैं. इसका सबसे बुरा असर होम लोन लेनेवाले ग्राहकों की ईएमआई पर पड़ा है. अब मिलेगी राहत...

By Rajeev Kumar | June 8, 2023 12:35 PM
an image

Reserve Bank of India Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) ने चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों को स्थिर रखने का क्रम जून की बैठक में भी बरकरार रखा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) दास ने घोषणा करते हुए लगातार दूसरी बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखा है. रेपो रेट इस बार भी 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है. ऐसे में आपने अगर होम लोन लिया है या फिर जल्द ही कार लोन लेनेवाले हैं, तो आपके लिए राहत की बात है. आइए जानें कैसे-

लगातार रेपो रेट बढ़ने से महंगे हो गए सभी लोन, अब मिलेगी राहत

रिजर्व बैंक पिछले साल मई से लगातार रेपो रेट (RBI Repo Rate) में बढ़ोतरी कर रहा है. हालांकि, अप्रैल में हुई एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई थी. रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से सभी प्रकार के लोन महंगे (Expensive Loans) हो गए हैं. इसका सबसे बुरा असर होम लोन लेनेवाले ग्राहकों की ईएमआई (EMI) पर पड़ा है. यही वजह है कि कर्ज लेनेवाले आरबीआई से राहत की उम्मीद लगाये बैठे थे.

Also Read: RBI Repo Rate: रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही यह बात

ईएमआई में मिलेगी राहत

रेपो रेट में कमी आने पर बैंक ब्याज घटाते हैं. रिजर्व बैंक ने अप्रैल की बैठक से जब रेपो रेट स्थिर रखा गया है, कई बैंक ब्याज दरें कम करने लग गए हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंकों के लोन जिस बाहरी बेंचमार्क (Benchmark Prime Lending Rate / BPLR) से जुड़े होते हैं, वह रेपो रेट पर आधारित होता है. अब जब रिजर्व बैंक के रुख में नरमी आने लगी है, आनेवाले समय में होम लोन से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) और कार लोन (Car Loan) तक की ब्याज दरें घट सकती हैं. इसके साथ ही, जिन लोगों का होम लोन (Home Loan) पहले से चल रहा है, उनके ऊपर ईएमआई (EMI) का बोझ हल्का हो सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version