RBI ने बैंक अकाउंट खोलने के नियम में किया ये बदलाव, इन लोगों को मिलेगी राहत

Reserve Bank of India (RBI) ने नए चालू खाता (Current Account) नियमों में कुछ राहत देने की घोषणा की है. इस नये नियम की बात करें तो ये 15 दिसंबर से ही लागू हो चुके हैं. नए नियमों के अनुसार सभी कमर्शियल बैंक्स और पेमेंट बैंक्स (Payments Banks) को RBI के 6 अगस्त को जारी किए गए सर्कुलर को देखते हुए राहत देने का काम किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2020 12:17 PM

Reserve Bank of India (RBI) ने नए चालू खाता (Current Account) नियमों में कुछ राहत देने की घोषणा की है. इस नये नियम की बात करें तो ये 15 दिसंबर से ही लागू हो चुके हैं. नए नियमों के अनुसार सभी कमर्शियल बैंक्स और पेमेंट बैंक्स (Payments Banks) को RBI के 6 अगस्त को जारी किए गए सर्कुलर को देखते हुए राहत देने का काम किया गया है. इसमें रिजर्व बैंक ने इनके लिए बैंकों द्वारा चालू खाता खोलने के लिए कुछ तय शर्तें रख दी थीं. लेकिन अब आरबीआई ने अपने सर्कुलर में कहा है कि कुछ अकाउंट्स को उन नियमों से छूट दी गई है.

आप भी जानें क्या था 6 अगस्त का सर्कुलर : आइए आपको बताते हैं कि रिजर्व बैंक (RBI) का पुराना सर्कुलर में आखिर क्या था. 6 अगस्त को जारी किए गए रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार, रिजर्व बैंक ने बैंकों के उन ग्राहकों का करंट अकाउंट खोलने पर रोक लगाने का काम किया था, जिन्होंने बैंकिंग सिस्टम से कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के रूप में क्रेडिट फैसिलिटी लिया हो. नए सर्कुलर पर नजर डालें तो ग्राहकों को उसी बैंक में अपना Current Account या ओवरड्राफ्ट अकाउंट खुलवाना जरूरी होगा, जिससे वो लोन लेने का काम कर रहे हैं.

ऐसे ग्राहकों पर होगा लागू : ये नियम उन ग्राहकों पर लागू होंगे जिन्होंने बैंकों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लेने का काम किया है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि अमूमन ऐसा देखा गया है कि ग्राहक लोन (Loan) किसी एक बैंक से लेते हैं और करंट अकाउंट किसी दूसरे बैंक में जाकर खुलवा लेते हैं. ऐसा करने से कंपनी का कैशफ्लो ट्रैक करने में दिक्कत होती है. ऐसे में कोई भी बैंक ऐसे ग्राहकों का चालू खाता न खोलें जिन्होंने कैश क्रेडिट या फिर ओवरड्राफ्ट की सुविधा किसी और बैंक से ले रखी है.

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रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में छूट: रिजर्व बैंक के नए सर्कुलर पर नजर डालें तो इसमें रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को छूट देने का काम किया गया है. दरअसल, रियल एस्टेट कंपनियों को Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 के तहत खरीदारों से लिया गया 70 परसेंट पैसा एस्क्रो अकाउंट में रखने की जरूरत होती है. उन्हें इस बात की छूट दी गई है कि वे कहीं भी अकाउंट खोल सकते हैं. साथ ही पेमेंट एग्रीगेटर्स को भी करंट अकाउंट खोलने की शर्तों में छूट दी गई है.

डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट: रिजर्व ने डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड/ATM कार्ड जारी करने वाले और लेने वालों को भी सेटलमेंट के लिए FEMA के नियमों के तहत करंट अकाउंट के नियमों से छूट देने का काम किया है. यही नहीं IPO, NFO, FPO, शेयर बायबैक, डिविडेंड पेमेंट, कमर्शियल पेपर्स जारी करने, डिबेंचर्स के आवंटन, ग्रेच्युटी वगैरह के लिए भी करंट अकाउंट खोलने की शर्तों से छूट दी गई है.

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बढ़ानी होगी मॉनिटरिंग: रिजर्व बैंक ने करंट अकाउंट खोलने की शर्तों में छूट देने के साथ ही बैंकों को सचेत रहने को भी कहा है. बैंक से कहा है कि ये छूट शर्तों के साथदेने का काम किया जा रहा है. बैंक इस बात को आश्वस्त करेंगे कि इसका इस्तेमाल कुछ तय ट्रांजैक्शन के लिए ही किया जा रहा है. बैंक इसकी आसानी से मॉनिटरिंग कर सकें इसके लिए CBS में इन्हें दिखाने का काम करें. आगे आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट को रेगुलर मॉनिटर करें.

Posted By : Amitabh Kumar

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