कोरोना संकट के कारण देश में आएगी महंगाई, आरबीआई गवर्नर ने किया आगाह
RBI Governor Shaktikant Das: लॉकडाउन 4.0 के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों को बड़ी राहत दी है. एक तरफ जहां रेपो रेट में कोटौती का ऐलान किया तो वहीं अब लोन की ईएमआई मोराटोरियम को तीन माह आगे बढ़ाने का ऐलान किया. हालांकि उन्होंने भविष्य को लेकर आगाह भी किया.
RBI Governor Shaktikant Dasः लॉकडाउन 4.0 के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों को बड़ी राहत दी है. एक तरफ जहां रेपो रेट में कोटौती का ऐलान किया तो वहीं अब लोन की ईएमआई मोराटोरियम को तीन माह आगे बढ़ाने का ऐलान किया. हालांकि उन्होंने भविष्य को लेकर आगाह भी किया.
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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना वायरस के वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा- 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक क्षेत्र में रहने की उम्मीद है. छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत कटौती के पक्ष में 5:1 से मतदान किया. भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट दर्ज की जा रही है. अप्रैल महीने में निर्यात में 60.3 प्रतिशत की कमी आई है.
कोविड-19 के प्रकोप के कारण निजी उपभोग को सबसे ज्यादा झटका लगा है. निवेश की मांग रुकी है. कोरोना के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गवर्नर ने आगे कहा कि दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है. कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा.
डब्लूटीओ के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है. जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है. मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है.’उन्होंने बताया कि मार्च में औद्योगिक उत्पादन में 17 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. कोर इंडस्टिरीज के आउटपुट में 6.5 फीसदी की कमी हुई है और मैन्युफेक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट हुई है.
EMI चुकाने की छूट 3 महीने के लिए बढ़ायी
आरबीआई गवर्नर ने कहा 31 अगस्त तक के लिए आरबीआई ने टर्म लोन मोरटोरियम को बढ़ा दिया गया है. पहले यह 31 मई तक के लिए था. यानी इससे तीन महीने और बढ़ा दिया गया है. अब 6 महीने अगर आप अपनी ईएमआई नहीं चुकाते हैं तो आपका लोन डिफॉल्ट या एनपीए नहीं माना जाएगा. मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि रेपो रेट को कम किया जा रहा है. आरबीआई ने 40 आधार अंक की कटौती की है. अब रेपो रेट चार फीसदी हुआ. मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अत्यधिक अनिश्चित है. आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35 प्रतिशत कर दिया है. यह उम्मीद की जाती है कि राजकोषीय और प्रशासनिक उपायों से 2020-21 की दूसरी छमाही में गति मिलेगी.
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