RBI Action: अगर आपका सेविंग या करेंट खाता बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) है तो आपके लिए ये खबर बहुत जरूरी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) को अपने मोबाइल ऐप ‘बॉब वर्ल्ड’ पर नए ग्राहक जोड़ने से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई ग्राहकों को एप्लिकेशन पर शामिल करने के तरीके में देखी गई कुछ चिंताओं के बाद की गई. आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा को ‘बॉब वर्ल्ड’ मोबाइल ऐप पर और ग्राहकों जोड़ने से की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दिया है. बयान में कहा गया कि ‘बॉब वर्ल्ड’ ऐप पर बैंक के ग्राहकों को जोड़ने की कोई भी प्रक्रिया बैंक के पाई गई कमियों को दूर करने तथा संबंधित प्रक्रियाओं को मजबूत करने और आरबीआई की संतुष्टि के बाद ही होगी. आरबीआई ने कहा कि बैंक को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मौजूदा ‘बॉब वर्ल्ड’ ग्राहकों को इस निलंबन के कारण किसी तरह की समस्या नहीं आए.
सरकारी एनबीएफसी पर अक्टूबर, 2024 से लागू होंगे पीसीए नियम: आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई (पीसीए) प्रारूप के तहत सख्त निगरानी मानदंड अक्टूबर, 2024 से सरकारी स्वामित्व वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर लागू हो जाएंगे. किसी वित्तीय इकाई को पीसीए प्रारूप के तहत रखे जाने पर उसके लाभांश वितरण/ मुनाफे को कहीं भेजने, प्रवर्तकों/ शेयरधारकों को इक्विटी में निवेश या बिक्री करने और समूह कंपनियों की ओर से गारंटी देने या अन्य आकस्मिक देनदारियां लेने पर बंदिशें लग जाती हैं. रिजर्व बैंक ने 14 दिसंबर, 2021 को एनबीएफसी इकाइयों के लिए पीसीए प्रारूप जारी किया था. पहले निजी क्षेत्र की एनबीएफसी कंपनियों को ही इसके दायरे में रखा गया था लेकिन अब सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीएफसी को भी इसके तहत लाने का फैसला किया गया है. आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि प्रारूप की समीक्षा की गई है और एक अक्टूबर, 2024 से इसे सरकारी एनबीएफसी (छोटी कंपनियों को छोड़कर) तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए 31 मार्च, 2024 तक या उसके बाद के अंकेक्षित वित्तीय आंकड़ों को आधार बनाया जाएगा. कुछ प्रमुख सरकारी एनबीएफसी कंपनियों में पीएफसी, आरईसी, आईआरएफसी और आईएफसीआई शामिल हैं. पीसीए प्रारूप लागू करने का मकसद है कि किसी वित्तीय इकाई पर सही समय पर निगरानी से जुड़ा दखल दिया जा सके. इसमें संस्थाओं को अपनी वित्तीय सेहत दुरुस्त करने के लिए समय पर उपचारात्मक उपाय शुरू करने और लागू करने की जरूरत होती है.
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एनबीएफसी क्या होता है
एनबीएफसी का अर्थ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (Non-Banking Financial Company) है. एनबीएफसी वे वित्तीय संस्थाएं हैं जो बैंकिंग की प्रमुख गतिविधियों को नहीं करती हैं, लेकिन वे वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं जो बैंकिंग कंपनियाँ करती हैं. एनबीएफसी विभिन्न वित्तीय उद्योगों में काम कर सकती हैं जैसे कि वाणिज्यिक, वाणिज्यिक वित्त, वाणिज्यिक वाणिज्य, वाणिज्यिक उद्योग, निवेश, निवेश योजनाएं आदि. इनमें खुदरा वित्त, व्यापारिक वित्त, व्यापारिक उद्योग, निवेश और पूंजी बाजार समाहित हो सकते हैं. एनबीएफसी भारत में वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अहम रोल निभाती हैं, विशेष रूप से वहां जहां बैंक उपयोगकर्ता की संख्या कम है या वित्तीय सेवाओं की पहुंच नहीं है.
मोबाइल बैंकिंग क्या होती है
मोबाइल बैंकिंग एक तकनीकी उपाय है जिसका उपयोग विभिन्न वित्तीय लेन-देन कार्यों को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग एक मोबाइल उपकरण जैसे कि स्मार्टफोन या टैबलेट के द्वारा किया जाता है. मोबाइल बैंकिंग बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाती है और यह उपयोगकर्ताओं को उनके वित्तीय लेन-देन कार्यों को स्वस्त और सुरक्षित तरीके से करने में मदद करती है.
मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से लोग विभिन्न वित्तीय कार्यों को कर सकते हैं, जैसे कि:
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खाता जानकारी: उनके बैंक खातों की सम्मिलित जानकारी जैसे शेष राशि, लेन-देन का इतिहास, आदि प्राप्त कर सकते हैं.
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वित्तीय लेन-देन: पैसों को ट्रांसफर कर सकते हैं, बिल भुगतान कर सकते हैं, या विभिन्न वित्तीय लेन-देन कार्यों को सरलीकृत कर सकते हैं.
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बैंक लेन-देन सेवाएँ: बैंक खातों में पैसे जमा और विथ्ड्रॉ कर सकते हैं, चेक बुक आदि प्राप्त कर सकते हैं.
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व्यक्तिगत ऋण और स्थिति की जानकारी: व्यक्तिगत ऋण की मानदंड और विवरण जैसे कि लोन रेट्स, मासिक अधिशेष, आदि प्राप्त कर सकते हैं.
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विभिन्न संदेशों और अपडेट्स प्राप्त करना: खाता संबंधित सूचनाएँ और अपडेट्स प्राप्त कर सकते हैं.
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