17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

RBI New Rule: बैंक और NBFC के लिए अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट में निवेश होगा मुश्किल, रिजर्व बैंक कड़े किये नियम

RBI New Rule: बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) उस वैकल्पिक निवेश कोष की किसी भी योजना में निवेश नहीं कर सकतीं, जिसने वित्तीय संस्थान से पिछले 12 महीनों में कर्ज लेने वाले कर्जदाताओं की कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निवेश कर रखा है.

RBI New Rule: भारतीय रिजर्व बैंक ने वैकल्पिक निवेश कोष के जरिये पुराने ऋण को लौटाने के लिये नया कर्ज लेने की व्यवस्था (एवरग्रिनिंग) पर लगाम लगाने को लेकर कदम उठाया है. इसके तहत बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) उस वैकल्पिक निवेश कोष की किसी भी योजना में निवेश नहीं कर सकतीं, जिसने वित्तीय संस्थान से पिछले 12 महीनों में कर्ज लेने वाले कर्जदाताओं की कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निवेश कर रखा है. बैंक और एनबीएफसी अपने नियमित निवेश गतिविधियों के तहत एआईएफ की इकाइयों में निवेश करती हैं. बैंक ऑफर एनबीएफसी आरबीआई के नियमन के दायरे में आता हैं. उद्यम पूंजी कोष, बुनियादी ढांचा कोष, निजी इक्विटी फंड, एंजल फंड समेत अन्य वैकल्पिक निवेश कोष के अंतर्गत आते हैं.

Also Read: RBI: अब एक लाख तक के भुगतान के लिए नहीं लगेगा ओटीपी! रिजर्व बैंक ने ऑटो डेबिट नियम में किया बड़ा बदलाव

आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा कि बैंक और एनबीएफसी के कुछ लेन-देन में एआईएफ शामिल है. इससे नियामकीय स्तर पर चिंता सामने आई है. इसमें कहा गया है कि इन लेनदेन में एआईएफ की इकाइयों में निवेश के माध्यम से अप्रत्यक्ष कर्ज के साथ ऋण लेने वालों को विनियमित इकाइयों (बैंक और एनबीएफसी) के प्रत्यक्ष ऋण जोखिम का प्रतिस्थापन जुड़ा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इसके माध्यम से एआईएफ के जरिये पुराने कर्ज को लौटाने के लिए नई कर्ज की व्यवस्था पर रोक लगाने के लिए कदम उठाये हैं. बैंक और एनबीएफसी एआईएफ की किसी भी योजना में निवेश नहीं कर सकते, जिसने वित्तीय संस्थान से कर्ज लेने वाले कर्जदाताओं की कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निवेश कर रखा है. साथ ही आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों से कहा है कि ऐसे निवेश को 30 दिन के भीतर परिसमापन करने की जरूरत होगी.

परिपत्र के अनुसार, अगर बैंक और एनबीएफसी निर्धारित समयसीमा में निवेश को समाप्त नहीं कर पाते हैं, उन्हें ऐसे निवेश के लिए शत-प्रतिशत प्रावधान करना होगा. इसके तहत बैंक और एनबीएफसी से कर्ज लेने वाली कंपनी वह इकाई है, जिसे संबंधित वित्तीय संस्थान ने पिछले 12 महीनों में वर्तमान में या पूर्व में कर्ज दिया था अथवा निवेश किया था.

(भाषा इनपुट के साथ)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें