महंगाई से राहतः खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 4.25 फीसदी हुई, 25 महीने के निचले स्तर पर पहुंची महंगाई दर
Inflation June 2023: भारत में खुदरा मुद्रास्फीति दर लगातार चौथे महीने गिरी है. इससे पहले अप्रैल में महंगाई दर 4.70 फीसदी से गिरकर मई में 4.25 फीसदी दर्ज की गई. जबकि, एक साल पहले यानी मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी के स्तर पर थी.
Inflation June 2023: लगातार बढ़ती महंगाई के बीच एक राहत भरी खबर है. बीते महीने यानी मई में खुदरा महंगाई दर घट गई है. खाद्य एवं ईंधन उत्पादों की कीमतें नरम पड़ने से मई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.25 फीसदी पर आ गई. बीते 25 महीनों में महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर दर्ज की गई. यानी अप्रैल 2021 के बाद यह महंगाई दर का सबसे निचला स्तर है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.23 फीसदी थी.
लगातार चौथे महीने गिरी महंगाई दर
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में खुदरा मुद्रास्फीति दर लगातार चौथे महीने गिरी है. इससे पहले अप्रैल में महंगाई दर 4.70 फीसदी से गिरकर मई में 4.25 फीसदी दर्ज की गई. जबकि, एक साल पहले यानी मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी के स्तर पर थी. बता दें, यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर पर है. दरअसल, सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो फीसदी घट बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने को कहा है.
Retail inflation eases to 4.25% in May from 4.70% in April: Government of India pic.twitter.com/zlDNpBtTWS
— ANI (@ANI) June 12, 2023
खाद्य उत्पादों और ईंधन की कीमतों में गिरावट
गौरतलब है कि पिछले महीने यानी मई में खुदरा मुद्रास्फीति में आई गिरावट का सबसे बड़ा कारण खाद्य उत्पादों और ईंधन के मूल्य में आई गिरावट है. मई में खाद्य मुद्रास्फीति 2.91 फीसदी रही, जबकि अप्रैल में यह 3.84 फीसदी थी. इसके अलावा ईंधन और प्रकाश खंड की मुद्रास्फीति भी 4.64 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल में यह 5.52 फीसदी रही थी.
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आरबीआई का नीतिगत दरें 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया है. वहीं, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को 5.1 फीसदी रखने का अनुमान लगाया था. इसके अलावा सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो फीसदी के घटबढ़ के साथ इसे चार प्रतिशत पर रखने का जिम्मा सौंपा हुआ है.
भाषा इनपुट से साभार
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