Loading election data...

खाने-पीने की चीजों की कीमतों में नरमी से लोगों को मिली मामूली राहत, जून में औद्योगिक उत्पादन 13.6 फीसदी बढ़ा

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 फीसदी रही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2021 6:58 PM

नई दिल्ली : देश में जुलाई महीने के दौरान खुदरा बाजारों में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में मामूली नरमी आने से आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली. जुलाई में खुदरा महंगाई दर मामूली राहत के साथ 5.59 फीसदी रही. हालांकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति एक महीने पहले जून में 6.26 फीसदी और एक साल पहले जुलाई महीने में 6.73 फीसदी थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 फीसदी रही, जो इससे पूर्व माह में 5.15 फीसदी थी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रक नीति समीक्षा में 2021-22 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया.

आरबीआई के अनुसार, मुदास्फीति में घट-बढ़ के जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का संभावना है. अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. आरबीआई को ऊपर नीचे दो फीसदी की घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4 फीसदी पर बरकार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के समय मुख्य रूप से सीपीआई मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है.

औद्योगिक उत्पादन जून में 13.6 फीसदी बढ़ा

इसके साथ ही, देश का औद्योगिक उत्पादन जून 2021 में एक साल पहले इसी महीने के मुकाबले 13.6 फीसदी बढ़ गया. एनएसओ की ओर से जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़े के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन जून 2021 में 13 फीसदी बढ़ा. खनन उत्पादन में आलोच्य महीने में 23.1 फीसदी और बिजली उत्पादन में 8.3 फीसदी की वृद्धि हुई. पिछले साल जून में आईआईपी में 16.6 फीसदी की गिरावट आई थी.

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आईआईपी मे 45 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में इसमें 35.6 फीसदी की गिरावट आई थी. पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस महामारी के फैलने के बाद से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है. उस समय इसमें 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी. वहीं, अप्रैल 2020 में इसमें 57.3 फीसदी की गिरावट रही. इसका कारण कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाया गया देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version