सरकार की चिंता बढ़ाने वाली खबर, खुदरा महंगाई 6.01% हुई, केंद्र ने पाम ऑयल पर सेस घटाया

Retail inflation rises: दूसरे चरण की वोटिंग के दिन सरकार की चिंता बढ़ाने वाली खबर आयी, तो क्रूड पाम ऑयल से जुड़े लोगों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी. पढ़ें लेटेस्ट अपडेट...

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2022 8:49 PM

Retail Inflation Rises: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार के लिए एक बुरी खबर है. आम लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली महंगाई (Inflation) एक बार फिर बढ़ गयी है. दूसरे चरण की वोटिंग के दिन सरकार ने जो आंकड़े जारी किये हैं, उसमें बताया गया है कि महंगाई दर (Inflation Rate) बढ़कर 6.01 फीसदी हो गयी है. कुछ खाद्य उत्पादों के महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गयी.

रिजर्व बैंक की उम्मीदों से ज्यादा रही महंगाई

खुदरा महंगाई दर का यह स्तर रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक दायरे से ऊपर है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर 2021 में 5.66 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 4.06 प्रतिशत रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य उत्पादों की महंगाई दर जनवरी 2022 में 5.43 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 4.05 प्रतिशत थी.


खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी बनाये रखना चुनौती

रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) मौद्रिक नीति (Monetary Policy) पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (CPI) पर गौर करता है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा महंगाई (Retail Inflation) दर चार प्रतिशत पर बनाये रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. बता दें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के चुनावों में विपक्षी पार्टी के नेता भारतीय जनता पार्टी को बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर जमकर घेर रही है.

Also Read: सब्जियों की कीमतों ने मोदी सरकार को दी राहत, दिसंबर खुदरा महंगाई दर 4.59 फीसदी पर
सब्जी, मांस, मछली ने बढ़ायी सरकार की मुश्किलें

सब्जी, मांस, मछली जैसे खाद्य वस्तुएं महंगी होने से जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर 6.01 प्रतिशत पर पहुंच गयी. जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, तेल और वसा खंड में खुदरा मुद्रास्फीति 18.7 प्रतिशत रही. ईंधन एवं प्रकाश, कपड़ा और जूता-चप्पल (फुटवियर) तथा परिवहन एवं संचार क्षेत्रों समेत अन्य खंडों में महंगाई दर सालाना आधार पर 9 प्रतिशत बढ़ी.

दिसंबर के मुद्रास्फीति आंकड़े में संशोधन

इस बीच, दिसंबर 2021 की मुद्रास्फीति के आंकड़े को 5.59 प्रतिशत से संशोधित कर 5.66 प्रतिशत कर दिया गया है. जनवरी 2021 में यह 4.06 प्रतिशत थी. इससे पहले, जून 2021 में मुद्रास्फीति 6.26 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही थी. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी मुद्रास्फीति आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जनवरी 2022 में 5.43 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 4.05 प्रतिशत थी. अनाज और उसके उत्पादों की महंगाई दर बढ़कर जनवरी में 3.39 प्रतिशत रही जो दिसंबर 2021 में 2.62 प्रतिशत थी.

मांस-मछली मुद्रास्फीति 5.47 फीसदी

आंकड़ों के अनुसार, मांस और मछली श्रेणी में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.47 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 4.58 प्रतिशत थी. सब्जियों के मामले में महंगाई दर बढ़कर 5.19 प्रतिशत हो गयी, जबकि दिसंबर में इसमें 2.99 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. हालांकि, तेल एवं वसा खंड में महंगाई दर नरम होकर 18.70 प्रतिशत रही. ईंधन अैर प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति कम होकर 9.32 प्रतिशत रही, जो दिसंबर में 10.95 प्रतिशत थी.

केंद्र ने क्रूड पाम ऑयल पर सेस घटाया

बढ़ती महंगाई के बाच केंद्र सरकार ने क्रूड पाम ऑयल (CPO) पर लगने वाले कृषि सेस में कटौती की घोषणा की है. उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं जन वितरण प्रणाली मंत्रालय ने सोमवार को क्रूड पाम ऑयल पर लगने वाले कृषि सेस को घटाकर 5 फीसदी करने का ऐलान किया है. पहले क्रूड ऑयल पर 7.5 फीसदी कृषि सेस (उपकर) देना पड़ता था. सरकार ने कहा है कि 12 फरवरी से यह लागू हो गया है.


रिफाइंड पाम ऑयल का आयात बढ़ा

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि क्रूड पाम ऑयल पर लगने वाले उप-कर में कटौती से पहले इसका आयात इसके आयात में तेजी आ गयी थी. टैक्स घटाये जाने से पहले क्रूड पाम ऑयल और रिफाइंड पाम ऑयल के आयात का अंतर बढ़कर 8.25 फीसदी हो गया था. इसकोे देखते हुए सरकार ने क्रूड पाम ऑयल पर लगने वाले सेस में 2.5 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है.

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version