सरकार के पास एक प्रस्ताव रखा गया है जिसमें रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बात कही गयी है. इस संबंध में इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की वकालत की गयी है. इस रिपोर्ट में इसके पीछे का तर्क दिया गया है कि धीरे – धीरे देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़ेगी.
इस संबंध में पेश किये गये प्रस्ताव में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बात कही गयी है साथ ही तर्क दिया गया है कि बेहतर हो रहे स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से सेहत और जीवन काल में बढ़ोतरी का अनुमान ऐसे में इन्हें ज्यादा समय तक काम करने की इजाजत मिलनी चाहिए.
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इस रिपोर्ट में सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर जोर देते हुए 50 साल से ऊपर के व्यक्तियों के स्किल डेवलपमेंट को औऱ मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है. केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसी नीतियों पर बल देने के लिए कहा गया है जिससे इनके कौशल विकास पर ध्यान दिया जा सके.
जिन राज्यों में वृद्ध लोगों की संख्या बढ़ी है उनमें राजस्थान सबसे आगे है. इसके बाद मध्यप्रदेश और बिहार में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है. अपेक्षाकृत वृद्ध राज्यों की कैटेगरी में हिमाचल टॉप पर है, इसके बाद नंबर आता है उत्तराखंड और हरियाणा का. रिपोर्ट में 50 लाख या इससे ज्यादा आबादी वाले वृद्ध राज्य और 50 लाख से कम आबादी वाले को अपेक्षाकृत वृद्ध राज्य कहा गया है.
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रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का एक तरफ प्रस्ताव मिला है दूसरी तरफ सरकार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का ऑप्शन भी दे रही है. एक वक्त चर्चा थी कि बुजुर्गों कर्मचारियों को सरकार सुविधाएं देकर जल्दी सेवानिवृत दे सकती है. ऐसे में अब इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार क्या फैसला लेती है इसके लिए लिए इंतजार करना होगा.
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