SBI समेत देश के आधा दर्जन बैंकों को 411 करोड़ रुपये का चूना लगाकर भारत से भाग गया चावल निर्यातक

देश के बैंकों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाकर भारत से फरार होने वाले कारोबारियों में विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहूल चोकसी आदि के बाद एक चावल निर्यातक का भी नाम जुड़ गया है. हरियाणा के करनाल का रहने वाला यह चावल निर्यातक देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत देश के करीब आधा दर्जन बैंकों को 411 करोड़ रुपये का चूना लगाया और भारत छोड़कर फरार हो गया.

By Agency | May 9, 2020 3:34 PM

नयी दिल्ली : देश के बैंकों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाकर भारत से फरार होने वाले कारोबारियों में विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहूल चोकसी आदि के बाद एक चावल निर्यातक का भी नाम जुड़ गया है. हरियाणा के करनाल का रहने वाला यह चावल निर्यातक देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत देश के करीब आधा दर्जन बैंकों को 411 करोड़ रुपये का चूना लगाया और भारत छोड़कर फरार हो गया. दिलचस्प बात तो यह है कि जब तक एसबीआई इस धोखाधड़ी के खिलाफ सीबीआई में शिकायत करवाता, उसके पहले ही यह धोखेबाज देश से फरार होने में कामयाब हो गया.

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समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, राम देव इंटरनेशनल के तीन प्रवर्तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले छह बैंकों के गठजोड़ के साथ 411 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद देश से फरार हो चुके हैं. सीबीआई ने हाल में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एसबीआई द्वारा इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराये जाने से पहले ही ये देश से भाग चुके हैं.

सीबीआई ने हाल में पश्चिम एशियाई देशों और यूरोपीय देशों को बासमती चावल का निर्यात करने वाली कंपनी और उसके निदेशकों नरेश कुमार, सुरेश कुमार और संगीता के खिलाफ एसबीआई की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. एसबीआई ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसको 173 करोड़ रुपये का चूना लगाया है.

एसबीआई ने शिकायत में कहा है कि कंपनी की करनाल जिले में तीन चावल मिलें, आठ छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां हैं. कंपनी ने व्यापार के लिए सऊदी अरब और दुबई में कार्यालय भी खोले हुए हैं. एसबीआई के अलावा कंपनी को लोन देने वाले बैंकों में केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते अभी तक इस मामले में छापेमारी की कार्रवाई नहीं की गयी है. जांच एजेंसी इस मामले में आरोपियों को समन की प्रक्रिया शुरू करेगी. अधिकारियों ने कहा कि यदि आरोपी जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. एसबीआई की शिकायत के अनुसार, इस कंपनी का खाता 27 जनवरी, 2016 को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया था.

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